
उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेकर कई जगहों के नाम बदल दिए हैं. इस फैसले के तहत चार जिलों के 17 स्थानों और दो सड़कों के नाम बदल दिए गए हैं. इन जगहों के उर्दू नामों को बदलकर हिंदू नाम रखने का फैसला लिया गया है. नए नाम वाली ये जगह हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधमसिंह नगर में स्थित हैं.
हरिद्वार में नाम परिवर्तन
हरिद्वार जिले में औरंगजेबपुर का नाम बदलकर शिवाजी नगर किया गया है. गाजीवली का नाम बदलकर आर्य नगर और चांदपुर अब ज्योतिबा फुले नगर के नाम से जाना जाएगा. मोहम्मदपुर जट का नाम बदलकर मोहनपुर जट और खानपुर कुरसली का नाम बदलकर अंबेसकर नगर किया गया है. इदरीशपुर का नाम बदलकर नंदपुर और खानपुर का नाम बदलकर श्री कृष्णपुर किया गया है. अकबरपुर फजलपुर का नाम बदलकर विजयनगर और आसफ़ नगर का नाम अब देवनारायण नगर होगा. सलेमपुर राजपूताना का नाम बदलकर शो से नगर किया गया है.
राजधानी देहरादून में बदले गए ये नाम
राजधानी देहरादून में मियांवाला का नाम बदलकर रामजीवाला किया गया है, जबकि पीरवाला का नाम केसरी नगर होगा. चांदपुर खुर्ख का नाम पृथ्वीराज नगर और अब्दुल्लापुर अब दक्ष नगर के नाम से जाना जाएगा.
नैनीताल और उधमसिंह नगर में नाम परिवर्तन
नैनीताल और उधमसिंह नगर में भी कुछ जगहों के नामों में अहम बदलाव किए गए हैं. हल्द्वानी में नवाबी रोड का नाम बदलकर अटल मार्ग किया गया है और पंकची पनचक्की से आईटीआई मार्ग का नाम गुरु गोवलकर मार्ग होगा. उधमसिंह नगर में नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी का नाम कौशल्यापुरी होगा.
क्या बोले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इन जगहों के नए नाम जन भावनाओं और संस्कृति के अनुरूप रखे गए हैं. उन्होंने कहा, लोगों को लंबे समय से प्रतीक्षा थी कि वहां के नाम वहां की जन भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए, वहां की संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इन नामों की घोषणा जन भावनाओं के अनुरूप की गई है, जिसका लोगों ने स्वागत किया है.
लोगों की क्या रही प्रतिक्रियाएं
उत्तराखंड के चार जिलों में कई जगहों के नाम बदले जाने पर स्थानीय लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी है. कुछ लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे भारतीय और सनातन धर्म से जुड़े हुए लोगों के नाम पर रखा गया है. वहीं, कुछ लोगों ने इसे छोटी मानसिकता का परिचय बताया है और कहा है कि नाम बदलने से कोई इतिहास नहीं बदलता. सुल्तानपुर पट्टी का नाम बदलकर कौशल्यापुरी किए जाने पर स्थानीय व्यापार मंडल ने इसका समर्थन किया है और इसे एक हर्ष का माहौल बताया है. वहीं, कुछ लोगों ने कहा है कि नाम बदलने से कागजों में बदलाव करना पड़ेगा और इससे बहुत ज्यादा दिक्कत होगी.