पांडवों की हिमालय यात्रा को लेकर उत्तराखंड की सरकार बड़ी पहल करने जा रही है. सरकार पर्यटन के जरिए उन जगहों का दौरा कराने की तैयारी कर रही है, जिस रास्ते से पांडवों का इतिहास जुड़ा है. पांडवों ने इसी रास्ते का इस्तेमाल अपने आखिरी वक्त में किया था. इस रास्तों को उत्तराखंड सरकार पर्यटन से जोड़ना चाहती है. इसके लिए सरकार पांडव ट्रेल बनाने पर काम कर रही है.
क्या है पांडव ट्रेल-
महाभारत काल में पांडवों ने आखिरी समय में हिमालय यात्रा के दौरान जिस रास्ते का इस्तेमाल किया था. उस यात्रा मार्ग को लोगों की पहुंच तक बनाने के लिए सरकार पांडव ट्रेल पर विचार कर रही है और जल्द ही इसे शुरू करने की बात कह रही है. पुराणों के मुताबिक पांडव ने इसी रास्ते से स्वर्ग गए थे. जबकु युधिष्ठिर अकेले शरीर के साथ स्वर्ग गए थे.
उत्तराखंड सरकार कर रही विचार-
उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने 12 सदस्यों का एक दल श्रीकंठ पर्वत के लिए रवाना किया. पर्यटन मंत्री का कहना है कि सरकार ट्रेकर्स की बढ़ती रुचि को देखकर पर्यटन विभाग पांडव ट्रेल पर विचार कर रहा है. जिस मार्ग पर पांडव अपने कुटुंब की हत्या का प्रयाश्चित करने गए थे. सरकार लोगों को इस मार्ग तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है.
क्या होगा इसका फायदा-
पांडव ट्रेल शुरू होने से उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है. महाभारत और पांडवों से जुड़ी जगहों के बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं. ऐसे में अगर सरकार एक साथ इन जगहों पर जाने की योजना शुरू करती है तो पर्यटक खुद इसकी तरफ आकर्षित होंगे और उत्तराखंड आने पर मजबूर हो जाएंगे. इतना ही नहीं, पर्यटकों के आने से सरकार को राजस्व का भी लाभ होगा.
ट्रेकिंग के खास है उत्तराखंड-
उत्तराखंड ट्रेकिंग के लिहाज से बेहद खास है. क्योंकि 6 हजार से अधिक ऊंचाई वाले सबसे ज्यादा पहाड़ियां उत्तराखंड में हैं. हालांकि समय के साथ जिस तरीके का पर्वतारोहण उत्तराखंड में होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया है. क्योंकि सिंगल विंडो सिस्टम ना होने के चलते पर्वतारोहियों को कई तरीके की परेशानी आती हैं. हालांकि अब पर्यटन विभाग का कहना है कि सिंगल विंडो सिस्टम बनाकर मॉनिटरिंग के क्षेत्र में काम को आसान किया जा सकता है.
हिमाचल प्रदेश में महाभारत ट्रेल-
हिमाचल प्रदेश में महाभारत ट्रेल पर काम किया जा रहा है. सरकार ने एक पर्यटन पैकेज शुरू किया है, जिसके जरिए पर्यटकों को उन जगहों की यात्रा कराई जाती है, जो महाभारत काल से जुड़ी है. हिमाचल प्रदेश में महाभारत काल का इतिहास बिखरा पड़ा है. जिसको अब पर्यटकों से जोड़ने की कोशिश की गई है. मनाली में हडिंबा से जुड़ी जगह है. पांडवों के बारे में कहा जाता है कि जब वो अज्ञातवास भोग रहे थे, उस दैरान उन्होंने हिमालय के इस इलाके में काफी समय व्यतीत किया था.
(देहरादून से दिलीप सिह राठौड़ की रिपोर्ट)
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