उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा-बारकोट सुरंग के अंदर अभी भी लोग फंसे हुए हैं. इन 41 लोगों को बचाने की जद्दोजहद अभी तक जारी है. 21 नवंबर से लोगों को निकालने वाले इस अभियान को 10 दिन हो चुके हैं. फिलहाल, लोगों को निकालने के लिए पांच सूत्री योजना बनाई गई है. हालांकि, सोमवार को जरूरी सामान पहुंचाने के लिए छह इंच का पाइप सफलतापूर्वक टनल में पहुंचाया गया. इसे इस मिशन की पहली सफलता कहा जा रहा है.
लोगों को बाहर निकालने के लिए बनाई गई हैं पांच योजनाएं
1. अमेरिकी मशीन की मदद से सिल्क्यारा से क्षैतिज बोरिंग (Horizontal Boring)
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (NHIDCL) ने सिल्क्यारा छोर (जहां मलबा है) से एक अमेरिकी बोरिंग मशीन का उपयोग करके क्षैतिज बोरिंग (Horizontal Boring) फिर से शुरू करने की योजना बनाई है. मशीन ने शुक्रवार दोपहर को ड्रिलिंग बंद कर दी थी क्योंकि 22 मीटर के निशान पर पहुंचने के बाद यह जमीन से ऊपर उठती रही और उसकी बेयरिंग क्षतिग्रस्त हो गई. अब बेयरिंग का नया सेट मुंबई से लाया गया है.
2. ऊपर से 1.2 मीटर चौड़ा गड्ढा खोदा जा रहा है
सुरंग के ऊपर से 1.2 मीटर चौड़ा एक और गड्ढा लंबवत (Vertically) खोदा जा रहा है. इसके लिए लगभग 90 मीटर की खुदाई की जरूरत होगी. जिसके बाद सिल्क्यारा की ओर से 320 मीटर के निशान पर सुरंग मिलेगी. इस रास्ते को तैयार करने की जिम्मेदारी सतलुज जल विद्युत निगम को दी गई है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने एक्सेस रोड के लिए मशीन पहले ही साइट पर पहुंचा दी है. अब खुदाई का काम शुरू होगा. गुजरात और ओडिशा से दो अन्य मशीनें मंगवाई गई हैं, जो अगले 2-3 दिनों में पहुंच सकती हैं.
3. एस्केप टनल बनाने के लिए बाईं ओर से ड्रिलिंग
अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे विकास निगम लिमिटेड (RVNL) सुरंग के बाईं ओर से माइक्रो-ड्रिलिंग भी कर रहा है. यह भविष्य में भी एक एस्केप सुरंग के रूप में काम करेगी. यह 1.2 मीटर चौड़ी, 168 मीटर लंबी होगी, और सिल्क्यारा की ओर से लगभग 300 मीटर के निशान पर मौजूद सुरंग से मिलेगी. माइक्रो-टनलिंग के लिए मशीनरी नासिक और दिल्ली से पहुंचाई जा रही है.
4. बड़कोट छोर से बचाव सुरंग बनाई जा रही है
इसके अलावा, THDC (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) ने पारंपरिक ड्रिल और ब्लास्ट विधि के माध्यम से बड़कोट छोर से एक बचाव सुरंग के निर्माण पर भी काम शुरू कर दिया है. टीएचडीसी एक संकरी सुरंग बनाएगी. इसके लिए 483 मीटर खुदाई की जरूरत होगी.
5. ओएनजीसी वर्टिकल टनल बनाएगी
और आखिर में, तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) को 2.3 किलोमीटर के निशान पर एक और वर्टिकल टनल बनाने के लिए कहा गया है, जहां सिल्कयारा की ओर से सुरंग पूरी हो गई है. सुरंग करीब 325 मीटर गहरी होगी. वर्टिकल बोरिंग के लिए ओएनजीसी द्वारा यूएसए, मुंबई और गाजियाबाद से मशीनरी जुटाई जा रही है.