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Malihabad Mango: क्या आपने खाया मोदी आम? पीएम के सम्मान में ईजाद किए जा चुके हैं कई वैरायटी के आम

मलीहाबाद के उपेंद्र सिंह ने एक देसी आम की नई किस्म तैयार की है. इस आम को उन्होंने देसी और तुक्मी आम की किस्म को क्रास करके तैयार किया है. इसका ऊपर का हिस्सा मोटा होता है. उनका कहना है कि यह मोदी की 56 इंच की छाती वाली टिप्पणी की याद दिलाता है.

Mango (Representative Image) Mango (Representative Image)

हर साल जानी-मानी हस्तियों के नाम पर आम की नई किस्मों का नामकरण करने की परंपरा को कायम रखते हुए, मलिहाबाद के आम उत्पादकों ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर एक नई किस्म का नाम रखा है. पीएम मोदी अक्सर 'फलों के राजा' के प्रति अपने प्यार का इजहार करते रहे हैं.

मलीहाबाद के उपेंद्र सिंह ने एक देसी आम की नई किस्म तैयार की है जिसका ऊपरी हिस्सा मोटा होता है. उनका कहना है कि यह मोदी की 56 इंच की छाती वाली टिप्पणी की याद दिलाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने किस्म को पंजीकृत कर लिया है और उपेंद्र सिंह को पंजीकरण प्रमाणपत्र सौंप दिया है. तकनीकी रूप से, इसका मतलब यह है कि अब आम की किसी भी किस्म का नाम 'मोदी' नहीं रखा जा सकता है. दावों के अनुसार, इस किस्म में फाइबर की तुलना में अधिक गूदा होता है, ठीक दशहरी की तरह, जो लखनऊ के आम बेल्ट, मलीहाबाद से विश्व प्रसिद्ध आम की किस्म है.

कैसे तैयार की नई किस्म
'मोदी' आम अन्य 'देसी' आमों के विपरीत हल्के मीठे होते हैं. देसी आम बहुत मीठे होते हैं. उपेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने एक नई किस्म विकसित करने के लिए आम की दो 'देसी' किस्मों को पार किया. देसी आम 'तुक्मी' या अंकुर वाली किस्में हैं जो बीज से उगाई जाती हैं. वह 2019 से नई किस्म पर काम कर रहे थे. साल 2021 में, उन्होंने लखनऊ में आम उत्सव में किस्म प्रस्तुत की और पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFA) के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन किया. हालांकि सिंह प्रधानमंत्री पर आम की किस्म विकसित करने वाले पहले व्यक्ति नहीं हैं.

इससे पहले हाजी कलीमुल्लाह भी बना चुके हैं नाम
लखनऊ के 'मैंगो मैन' पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह ने 2015 में कोलकाता के हुस्न-ए-आरा को लखनऊ की दशहरी से क्रास कराकर नई किस्म विकसित की थी और इसे 'नमो' नाम दिया था. भागलपुर के 'मैंगो मैन' कहे जाने वाले अशोक चौधरी ने इसी साल अप्रैल में मोदी-1 और मोदी-2 किस्म के आम विकसित करने के बाद आम की मोदी-3 किस्में विकसित की थीं.