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गुजरात की बेटी का कमाल...अखबार बेचने वाले की बेटी ने इंटरनेशनल किकबॉक्सिंग टूर्नामेंट के लिए किया क्वालिफाई

अक्षदा का सेलेक्शन पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए हुआ है. इससे पहले अक्षदा ने अब तक कराटे और किक बॉक्सिंग में 9 स्वर्ण सहित 23 पदक जीते हैं. अक्षदा 11 साल की उम्र में वड़ोदरा के सलाटवाड़ा के एमसी हाई स्कूल में कराटे सीखकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई थी.

अक्षदा का सपना देश की तरफ से ओलंपिक खेलने का है अक्षदा का सपना देश की तरफ से ओलंपिक खेलने का है
हाइलाइट्स
  • 9 स्वर्ण सहित 23 पदक जीत चुकी है अक्षदा

  • अक्षदा के पिता अखबार बेचते हैं

  • ओलंपिक खेलना चाहती हैं अक्षदा

गुजरात की एक बेटी ने कमाल कर दिया है. 15 साल की एक लड़की ने अपनी मेहनत के दम पर यह साबित कर दिया है कि जज्बा और जुनून हो तो मुश्किल से मुश्किल हालात में भी आगे बढ़ा जा सकता है और झंडे गाड़े जा सकते हैं. 15 साल की इस लड़की का नाम है अक्षदा दलवी और ये गुजरात के वड़ोदरा की रहने वाली है. अक्षदा के पिता अखबार बेचते हैं.

9 स्वर्ण सहित 23 पदक जीत चुकी हैं अक्षदा
अक्षदा का सेलेक्शन पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए हुआ है. इससे पहले अक्षदा ने अब तक कराटे और किक बॉक्सिंग में 9 स्वर्ण सहित 23 पदक जीते हैं. अक्षदा 11 साल की उम्र में वड़ोदरा के सलाटवाड़ा के एमसी हाई स्कूल में कराटे सीखकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई थी. कक्षा 10वीं में पढ़ रही अक्षदा दलवी जब 11 साल की थी, तब उसके पिता ने उसे एक महीने के लिए कराटे सीखने को भेजा. पिता ने कहा कि अगर वह पसंद करती है तो कराटे जारी रखे और अगर उसे यह पसंद नहीं है तो कुछ और कर सकती है.

 

 

ओलंपिक खेलने का है सपना
अक्षदा की ट्रेनिंग शुरू हो गई और ट्रेनिंग के एक महीने के अंदर अक्षदा को  कराटे से प्यार हो गया. उसने अपने  पिता से कहा कि मैं कराटे में आगे बढ़ना चाहती हूं और आगे जाकर कराटे में स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं. कराटे के बाद उसने किक बॉक्सिंग में भी सफलता हासिल की और बॉक्सिंग में कई मेडल भी जीते. अक्षदा का सपना ओलंपिक में खेलने का है. उनका चयन पुणे में होने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर की किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए किया गया है, जिसके लिए वे काफी उत्साहित हैं.

'बेटी ने छाती चौड़ा कर दिया'
अक्षदा को कोच सिद्धार्थ भालेघेर से ट्रेनिंग दी है. वह अब तक 2 बार इंटरनेशनल जीत चुकी है और इस बार तीसरी बार इंटरनेशनल जीतने की उम्मीद कर रही हैं. इस बार इंटरनेशनल की सेलेक्शन भी होनी है. यही वजह है कि उनके कोच भी काफी उत्साहित हैं. अक्षदा के पिता बताते हैं कि उनकी बेटी अपनी रक्षा खुद कर सके इसलिए उन्होंने बेटी को कराटे में भेजा था. आज बेटी उनका नाम रोशन कर रही है और यह देखकर उनकी छाती चौड़ी हो जाती है.