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Vande Bharat Sleeper Train: फ्लाइट में सफर करने जैसा आनंद देगी स्लीपर वंदे भारत...जानिए क्या कुछ होंगी सुविधाएं

स्‍लीपर कोच के साथ वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू होने से यात्रियों को काफी सुविधा होगी. बता दें कि फिलहाल चेयर कार के साथ वंदे भारत ट्रेन का परिचालन देश के कई रेल मार्गों पर किया जा रहा है.

Kerala's first Vande Bharat express was flagged off in April by PM Modi from Thiruvananthapuram. (File photo) Kerala's first Vande Bharat express was flagged off in April by PM Modi from Thiruvananthapuram. (File photo)

भारत की सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत अगले साल की शुरुआत से लंबी दूरी की यात्रा के लिए तैयार होगी. आईसीएफ के जीएम बीजी माल्या का कहना है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में "wow" फैक्टर होगा जो आज तक किसी अन्य भारतीय रेलवे ट्रेन में नहीं है. वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे पर नए युग की विश्व स्तरीय यात्रा का चेहरा बनकर उभरी हैं और अब राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों को बदलने के लिए वंदे भारत स्लीपर वेरिएंट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. रेलवे की कोशिश है कि लंबी दूरी के रूट पर इसका परिचालन जल्‍द से जल्‍द शुरू हो जाए, ताकि यात्री विश्‍वस्‍तरीय सुविधाओं के साथ रेल यात्रा का लुत्‍फ उठा सकें. रेल मंत्री अश्‍विनी वैष्‍णव ने कुछ दिनों पहले वंदे भारत ट्रेन के लिए बनाए जा रहे स्‍लीपर कोच की तस्‍वीरें शेयर की थीं. स्‍लीपर कोच के साथ वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू होने से लंबी दूरी के यात्रियों को काफी सुविधा होगी. 

रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी दी कि फरवरी 2019 में दिल्ली और वाराणसी के बीच पहली वंदे भारत के उद्धाटन के बाद से इस ट्रेन के डिजाइन और इंटीरियर में कई सारे सुधार किए जा रहे हैं. फिलहाल चेयर कार और एक्जीक्यूटिव क्लास सीटों वाली वंदे भारत की 34 जोड़ी ट्रेनें अभी चल रही है.

क्या होंगी सुविधाएं
स्माल्या का कहना है कि स्व-चालित 160 किमी प्रति घंटे की क्षमता वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन यात्री अनुकूल सुविधाओं के साथ एक बेहतरीन एम्बियंस भी देगी. नई ट्रेन में 16 कोच होंगे जिनमें से 11 एसी-3 टियर प्रकार के होंगे, 4 एसी 2 टियर प्रकार होंगे और 1 प्रथम श्रेणी वातानुकूलित होगा.उन्होंने आगे बताया, "वंदे भारत की सभी विशेषताएं मौजूद हैं, वातानुकूलित, इंटरकम्यूनिकेशन डोर्स और एक ही प्रकार के वैक्यूम शौचालय होंगे. इसके साथ ही इसका एम्बियेंस भी बहुत अच्छा होगा. इसके साथ ही कोच के अंदर हल्की लाइट्स रखी जाएंगी. ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ियों को यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि यात्री चढ़ते समय छत से न टकराएं और उन्हें बर्थ पर कब्जा करने में आसानी हो.वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में यात्रियों को राजधानी जैसी मौजूदा लंबी दूरी की ट्रेनों की तुलना में कम झटके और शोर का अनुभव होगा. फ्रंट ड्रिवन राजधानी के मुकाबले वंदे भारत ट्रेनें डिस्टर्ब पावर सिस्टम पर ऑपरेट होंगी.

अभी जो वंदे भारत चल रही है, उसमें सिर्फ 8 बोगियां हैं. हालांकि स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस में बोगियां बढ़ाई जाएंगी. फिलहार हर महीने 6 से 7 नई ट्रेनें बनाई जा रही हैं. स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस में 857 बर्थ होंगी, जिनमें से 823 यात्रियों के लिए और बाकी कर्मचारियों के लिए होगी. हर कोच में चार की जगह तीन शौचालय और एक मिनी पेंट्री होगी.

यात्रा के समय को कम कर देती है
स्लीपर वंदे भारत में बेहतर सस्पेंशन और केबिन लाइटिंग होगी. एक अधिकारी ने कहा कि हम एल्युमीनियम बॉडी वाली इन ट्रेनों के निर्माण के लिए एक टेंडर भी जारी करेंगे, जिनकी अधिकतम डिजाइन गति 220 किमी प्रति घंटे होगी. 100 ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा.सरकार 2047 तक 4500 ट्रेनों का लक्ष्य बना रही है. वहीं मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन की भी शुरुआत की जा सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वंदे भारत को 220 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के हिसाब से डिजाइन किया गया है. वंदे भारत ट्रेनें यात्रा के समय को 25% से 45% तक कम कर देती हैं. इसके साथ ही रेलवे ट्रैक को भी ऊंचा करने का प्रस्ताव है.