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Vande Bharat Train: खुशखबरी! रांची-वाराणसी के बीच चलेगी वंदे भारत ट्रेन, गया-सासाराम सहित इन जगहों पर रुकेगी, 11 घंटे की दूरी बस इतने समय में होगी तय 

Indian Railways: झारखंड वासियों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी है. एक ओर रांची-पटना के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है, तो अब रांची से वाराणसी के लिए भी वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा. 

वंदे भारत ट्रेन (फाइल फोटो) वंदे भारत ट्रेन (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • वाराणसी से वंदे भारत ट्रेन सुबह 5:50 बजे हो सकती है रवाना 

  • एसी चेयरकार का 1390 से 1400 रुपए होगा किराया

झारखंड की राजधानी रांची से बिहार होकर बनारस आने वाले रेलयात्रियों के लिए खुशखबरी है. जी हां, रांची से वाराणसी के लिए भी वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा. अभी रांची से वाराणसी ट्रेन के जरिए जाने में कम से कम 11 घंटे का समय लगता है, लेकिन वंदे भारत ट्रेन महज 6 घंटे 20 मिनट में वाराणसी पहुंच जाएगी. हालांकि ट्रेन चलाने के लिए तिथि की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

रांची से दो ट्रेनों के चलाने का हो चुका है ऐलान
वाराणसी से रांची चलने वाली यह ट्रेन उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड को सीधे तौर पर जोड़ेगी. इस ट्रेन को मिलाकर झारखंड को तीन वंदे भारत ट्रेन मिल जाएंगी. इससे पहले रांची-पटना और रांची- हावड़ा के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने का ऐलान हो चुका है.

कितना हो सकता है किराया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वंदे भारत ट्रेन का रांची से वाराणसी तक किराया एसी चेयरकार का 1390 से 1400 रुपए के बीच और एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2545-2600 रुपए के बीच हो सकता है. 

वाराणसी से सुबह रवाना होगी ट्रेन 
वाराणसी से वंदे भारत ट्रेन सुबह 5:50 बजे रवाना होगी और दोपहर 12:10 पर रांची पहुंचेगी. इसके बाद दोपहर 1:30 बजे रांची से वाराणसी के लिए रवाना होगी और शाम में 7:30 बजे पहुंचेगी. अभी रांची और वाराणसी के बीच तीन-चार ट्रेनों का परिचालन अलग-अलग मार्गों से हो रहा है. इन ट्रेनों से 11 घंटे का समय लग जाता है. 

इन जगहों पर हो सकता है स्टॉप
वंदे भारत ट्रेन का ठहराव बोकारो स्टील सिटी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन, हजारीबाग रोड, कोडरमा जंक्शन, गया जंक्शन और सासाराम जंक्शन पर किया जाएगा. हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई हैं. रेलवे सूत्रों के अनुसार यह ट्रेन नार्थ ईस्टर्न रेलवे वाराणसी रेल मंडल के अधीन रहेगी. रखरखाव की जिम्मेदारी भी इसी मंडल को मिलेगी. हालांकि इसे लेकर मंथन जारी है और अंतिम स्वीकृति का भी इंतजार किया जा रहा है.