एक फरवरी 2023 को पेश किए गए बजट में रेल यात्रियों के लिए कई सौगात पेश की गई है. इस बजट में रेलवे के लिए 2.40 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया गया है. बजट में मेट्रो ट्रेन का भी उल्लेख किया गया है. इस मामले में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के बाद जल्द ही वंदे मेट्रो ट्रेन की शुरुआत की जाएगी. आइए जानते हैं वंदे मेट्रो ट्रेन क्या है और आमजनों को इससे क्या फायदा होगा.
रेलमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने इस वर्ष लक्ष्य दिया है. वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद उन्होंने एक नई विश्व स्तरीय क्षेत्रीय ट्रेन विकसित करने के लिए कहा, जो वंदे मेट्रो होगी. वंदे मेट्रो की अवधारणा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ट्रेनों को ऐसे दो शहरों के बीच उच्च आवृत्ति के साथ चलाया जाएगा जिनके बीच की दूरी 100 किलोमीटर से कम है.
कहां तैयार होगी वंदे मेट्रो ट्रेन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक वंदे मेट्रो ट्रेन हाइड्रोजन बेस्ड स्वदेशी ट्रेन होगी, जिसे भारतीय इंजीनियर्स डिजाइन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस ट्रेन का निर्माण और डिजाइन देश में होगा. ये स्वदेशी ट्रेन दिसंबर 2023 तक पटरी पर दौड़ने लगेगी. वंदे मेट्रो ट्रेन की डिजाइन मई-जून तक सामने आ जाएगी. रेल मंत्री ने कहा कि यह ट्रेन भारतीय रेल के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला साबित होगा. वंदे मेट्रो ट्रेन 1950 और 1960 में डिजाइन किए गए कई ट्रेनों को रिप्लेस करेगी. इंजन पूरी तरह से हाइड्रोजन बेस्ड होगी. जिसके कारण प्रदूषण जीरो होगा.
यात्रियों का क्या मिलेगा फायदा
वंदे मेट्रो ट्रेन को बड़े शहरों से लेकर कम दूरी वाले शहरों के बीच चलाया जाएगा. इसका फायदा रोजाना और दो शहरों के बीच यात्रा करने वाले लोगों को अधिक मिलेगा क्योंकि इसके चलते लोग कम समय में अपने घर या आफिस आ-जा सकेंगे. इसके साथ ही ट्रेन से चलने से ट्रैफिक समस्या से भी निजात मिलेगी.
दिसंबर 2023 में हाइड्रोजन ट्रेन चलेगी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2.40 लाख करोड़ रुपए का ये रेल बजट गैप को भरेगा और 800 करोड़ यात्रियों के जरूरतों को पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 तक हाइड्रोजन ट्रेन को चलाया जाएगा. इसे पहले कालका—शिमला रूट पर चलाया जाएगा. बाद में इसका विस्तार किया जाएगा.
एक मिनट में बुक होंगे 2.5 लाख टिकट
सितंबर 2023 से ऑनलाइन रेल टिकट लेना 10 गुना आसान हो जाएगा. रेलवे अपने टिकट बुकिंग और कंट्रोलिंग सिस्टम में 5जी तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. इससे एक मिनट में 2.5 लाख टिकट ऑनलाइन बुक किए जा सकेंगे. अभी हर मिनट 25 हजार टिकट बनते हैं. रेलवे अपनी पूछताछ सेवा को भी अपग्रेड कर रहा है. इसे प्रति मिनट चार लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने की योजना है.