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सार्वजनिक परिवहन के रूप में रोपवे सेवा शुरू करने वाला तीसरा देश बना भारत, इस शहर में म‍िलेगी सुव‍िधा

वाराणसी रोपवे सर्विस का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बनने वाला है. वाराणसी के डिविजनल कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा, "शहर को एक सार्वजनिक परिवहन सेवा की आवश्यकता थी इसलिए एक व्यापक गतिशीलता योजना के अनुसार यातायात में सुधार के लिए रोपवे प्रणाली को विकल्प के तौर पर लाया गया."

Ropeway (Representative Image) Ropeway (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • एक बार में 4500 यात्री कर सकेंगे सफर

  • 15 मिनट में पूरा होगा 3.6 किमी. का सफर

वाराणसी रोपवे सर्विस का इस्तेमाल करने वाला पहला शहर बनने वाला है. वाराणसी के डिविजनल कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा, "शहर को एक सार्वजनिक परिवहन सेवा की आवश्यकता थी इसलिए एक व्यापक गतिशीलता योजना के अनुसार यातायात में सुधार के लिए रोपवे प्रणाली को विकल्प के तौर पर लाया गया." उन्होंने आगे कहा, हमने रोपवे सिस्टम डीपीआर स्वीकृत कर दी है और 11 दिसंबर तक बोली लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप (PPP)पर आधारित मॉडल होगा, जिसकी क्षमता 4500 होगी.

15 मिनट में पूरा होगा 3.6 किमी. का सफर
वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने एक न्यूज वेबसाइट को बताया कि परियोजना के लिए टेंडर 13 नवंबर को मंगाया गया था और बोलीदाताओं की ओर से इसको लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है. उन्होंने कहा, "एक बार पूरा हो जाने पर, सार्वजनिक परिवहन रोपवे प्रणाली वाराणसी रेलवे स्टेशन पर रुकने वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से रोपवे के दो टर्मिनल स्टेशनों में से पहले वाराणसी कैंट टर्मिनल के साथ तत्काल कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी. “यात्री केबल कारों में अपने सामान के साथ स्टेशन के दूसरे छोर गिरजाघर क्रॉसिंग (गंगा घाट से लगभग एक किमी) तक यात्रा करने में सक्षम होंगे. 220 केबल कार यात्रियों को केवल 15 मिनट के समय में 3.6 किमी से दूसरे टर्मिनल तक तेजी से ले जाएंगी."

एक बार में 4500 यात्री कर सकेंगे सफर
इसका मुख्य उद्देश्य भीड़भाड़ को कम करना है. इसके लिए 220 केबल कार लाई गई हैं, जिनमें से प्रत्येक में 10 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता होगी. ये केबल कार 90 से 120 सेकेंड के अंतराल पर चलाई जाएंगी. एक तरफ से एक बार में 4500 यात्री इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. रोपवे के सफर में कुल पांच स्टेशन पडे़ंगे, जो काशी की थीम और संस्कृति पर आधारित होंगे. कुल परियोजना की लागत 410.30 करोड़ बताई जा रही है.

क्यों पड़ी जरूरत?
फिलहाल यह 3.6 किलोमीटर लंबी होगी, जिसके अंतर्गत कैंट रेलवे स्टेशन, साजन तिराहा, रथयात्रा और गिरजा घर चौराहा आएंगे. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 24 महीने का समय लगा. रोपवे के जरिेए 3.6 किमी. का सफर महज 15 मिनट में तय किया जा सकेगा. अभी रोड से सफर करने पर इस दूरी को तय करने में आधा से एक घंटा लगता है.

देश का पहला शहर बना वाराणसी
सार्वजनिक परिवहन के रूप में रोपवे सेवा शुरू करने वाला Bolivian capital La Paz और मैक्सिको सिटी के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश और वाराणसी देश का पहला शहर बन गया है. इस प्रोजेक्ट को जापान में क्योटो की तर्ज पर अत्याधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है.