पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों को एक और बहुत बड़ी सौगात मिलने जा रही है. वाराणसी के लोगों को जल्द ही रोपवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी. देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे सिस्टम का मॉडल बन कर तैयार है. इस रोपवे को बनाने में कुल 461 करोड़ की लागत आएगी. इसका टेंडर जारी कर 6 संबंधित विभागों को 31 करोड़ रुपये रिलीज भी कर दिए गए हैं.
जाम से झाम से मिलेगा छुटकारा
उम्मीद है कि अगले साल मई-जून तक वाराणसी में देश का पहला रोपवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा. रोपवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम चालू हो जाने के बाद वाराणसी के लोगों को ना सिर्फ जाम से निजात मिलेगी बल्कि उनका समय भी बचेगा. पहले फेज में वाराणसी कैंट को गोदौलिया से जोड़ा जाएगा.
क्या है इस रोपवे की खासियत?
रोपवे के जरिए वाराणसी कैंट से गोदौलिया तक का सफर मात्र 15 मिनट में पूरा हो जाएगा. अभी वाराणसी कैंट से गोदौलिया तक की लगभग 5 किलोमीटर की भारी ट्रैफिक वाली दूरी तय करने में 45 मिनट का समय लग जाता है. रोपवे में लोगों के बैठने के लिए 220 केबल कारें होंगी. एक बार में अप और डाउन में 4500 लोग यात्रा कर सकेंगे. इस रोपवे में कुल 5 स्टेशन बनाए जाएंगे. जिसमें सिगरा, साजन सिनेमा, रथ यात्रा, गोदौलिया और वाराणसी कैंट शामिल हैं. यात्रियों को इस रोपवे पर हर डेढ़ मिनट पर केबल कार की सुविधा मिलेगी. केबल कार में में एक साथ 11 लोग बैठ सकेंगे.
जल्द ही पूरा हो जाएगा रोपवे का काम
इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 2 महीने में लैंड एक्वीजीशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. उम्मीद है कि रोपवे के कंस्ट्रक्शन का काम इसी साल मई से शुरू हो जाएगा. इसका डिजाइन तैयार कर लिया गया है, साथ ही रूट, पिलर और ब्लू प्रिंट भी तैयार है.
किसी भीड़-भाड़ वाले शहर में पहली बार बनेगा रोपवे
वाराणसी में शुरू हो रही रोपवे परियोजना देश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है. इसकी कामयाबी के बाद देश के दूसरे भीड़भाड़ वाले शहरों में भी इसे आजमाया जाएगा. कहने की जरूरत नहीं कि जाम में फंसकर वक्त जाया होने की अभिशप्त झेलने वाले लोगों के लिए ये प्रोजेक्ट राहत का पैगाम लेकर आएगा.
(वाराणसी से ब्रजेश कुमार की रिपोर्ट)