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स्‍टेड‍ियम में कनपुर‍िया स्‍टाइल में पान मसाला खाते दिखा शख्स, तो लोगों को याद आया इसका इतिहास, जानें खासियत

देश में छप्पन साल पहले 1965 में कानपुर से शुरू हुई थी पान मसाले की शुरुआत. पहले पान की झल्ली में रखकर बेचा जाता था पान मसाला. आज भी कानपुर से यूपी तक के लिए देश के सत्तर प्रतिशत बड़े ब्रांड जुड़े हैं.

कानपुर‍िया स्‍टाइल में पान मसाला खाते दिखा शख्स. कानपुर‍िया स्‍टाइल में पान मसाला खाते दिखा शख्स.
हाइलाइट्स
  • कनपुर‍िया स्‍टाइल में पान खाने का वीडियो वायरल

  • छप्पन साल पहले कानपुर से हुई थी पान की शुरुआत

कानपुर में ग्रीन पार्क में टेस्ट मैच के दौरान पान गुटका खाने के चक्कर में एक युवक का फोटो पुरे देश में जमकर वायरल हुआ था. देश के बड़े-बड़े लोगों ने उस पर कमेंट करते हुए कानपुर वालों का इसे मसाला ट्रेंड बताया था, लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों कहा था जब हमने इसकी छानबीन की तो पता चला कानपुर ही पान मसाले का जनक है और देश की पान मसाला इंडस्ट्रीज पर आज कानपुर वालों का ही कब्जा है /कानपुर के ही पान मसाले से लोगों के घर-घर ये शौक पहुंचा है. 

कानपुर क्यों है पान मसाले का हब ? 

कानपुर में नयागंज की एक किराना मंडी, जिससे देश के सत्तर प्रतिशत पान मसाला वालों को कच्चा बारदाना सप्लाई होता है. यहीं से सुपारी कथ्था से लेकर पिपरमेंट सब पान मसाला फैक्ट्रियों को जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कानपुर से ही उन्नीस सौ पैसठ में सबसे पहले देश के पहले पान मसाले बादशाह पसंद की शुरुआत हुई थी. इसके बाद धीरे-धीरे कानपूर पान मसाले का हब बन गया पान मसाले की लोगों तक ऐसी पहुंच हो गई की उसके बगैर शादी समारोह के फक्शन अधूरे माने जानें लगे.

कानपुर के पान के साथ जुड़ा है शम्मी कपूर का नाम

कानपुर के पूर्व पान मसला फैक्ट्री के मालिक अशोक केसरवानी का कहना है आज भी देश के सत्तर प्रतिशत पान मसाला ब्रांड कानपुर वालों के ही है आज कानपुर से निकलने वाले कई ब्रांड टैक्स के चक्कर में कानपुर से दूसरे राज्यों में सिफ्ट भले हो गए, लेकिन उनके मालिक कानपुर के ही हैं. इसीलिए कानपुर आज भी पान मसाले का जनक कहा जाता है. इनका ये भी मानना है की कानपुर के पान पराग ब्रांड को जब स्वर्गीय शम्मी कपूर ने अपने विज्ञापन से सजाया था उसके बाद से पान मसाले का स्वाद लोगों की शान से जुड़ गया था.  

बता दें कि, देश का पहला पान मसला बादशाह 1965 में शुक्ल जे ने कानपुर से निकाला था. उस समय पान मसाला पान वालों की झल्ली में रखकर बेचा जाता था. कानपुर से निकलने वाले कई ब्रांड टैक्स के चक्कर में कानपुर से दूसरे राज्यों में सिफ्ट भले हो गए लेकिन उनके मालिक कानपुर के ही हैं. इसीलिए कानपुर आज भी पान मसाले का जनक कहा जाता है. 

कानपुर में मसाला इंडस्ट्रीज बनी लाखों का रोजगार

कानपुर में मसाला इंडस्ट्रीज ने लाखों लोगों को रोजगार दिया है. कानपुर से कई बड़े-बड़े व्यापारी घरानों ने बीते समय में पान मसाले के कारोबार में भाग्य आजमाया था, लेकिन यूपी सरकार की टैक्स निति से उन्होंने उसे बंद कर दिया. इसके वावजूद आज भी सत्तर प्रतिशत देश के बड़े ब्रांड कानपुर से ही है पान पारंग ,पान बहार राजश्री, कमला पसंद, दिल पसंद और नटराज जैसे सभी बड़े ब्रांड कानपुर के ही हैं.

इन सबकी बजह से कानपुर में ट्रांसपोर्ट ,किराना ,प्रिंटिग जैसे व्यापार से लाखों लोग आज भी रोजगार से जुड़े हैं, हालांकि पान मसाले के कई एजेंसियों वालों का कहना है अब शहर की पान मसाला इंडस्ट्री धीरे-धीरे दिल्ली और अन्य राज्यों की ओर सिफ्ट हो रही है.  

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