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महिला यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र सेंट्रल रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, लेडीज कोच में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे

सीसीटीवी का उपयोग सुरक्षा कारणों से सभी महिला कोचों में स्थित आईपी कैमरों से क्राइम की घटना को रिकॉर्ड करने और चोरी को रोकने के लिए लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा.

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हाइलाइट्स
  • चोरियों पर लगेगी रोक 

  • सीसीटीवी कवर पाने वाली लोकल ट्रेनों में मुंबई नंबर वन 

महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेंट्रल रेलवे ने मार्च 2023 तक अपनी लोकल ट्रेनों के सभी लेडीस कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है. लगभग 600 कोचों में सीसीटीवी टीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सेंट्रल रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, "किसी भी असामान्य घटना के रिपोर्ट किये जाने पर, अधिकारी इन कैमरों द्वारा रिकॉर्ड किए गए फीड की मदद लेंगे." उन्होंने कहा कि ये कैमरे क्राइम का पता लगाने में मदद करेंगे. इस परियोजना की लागत 10.35 करोड़ रुपये है.

चोरियों पर लगेगी रोक 

सीसीटीवी का उपयोग सुरक्षा कारणों से सभी महिला कोचों में स्थित आईपी कैमरों से क्राइम की घटना को रिकॉर्ड करने और चोरी को रोकने के लिए लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा. सेंट्रल रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे न केवल अपराधियों को क्राइम करने से रोकेंगे बल्कि अगर कोई यात्री अपराध की शिकायत दर्ज करता है तो सबूत के रूप में भी काम करेंगे.

सीसीटीवी कवर पाने वाली लोकल ट्रेनों में मुंबई नंबर वन 

इसी साल अगस्त में, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुंबई लोकल ट्रेनों के आंकड़ों की जानकारी देते हुए बताया था कि अब तक कुल 4,141 कोचों में सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध कराए जा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि सेंट्रल रेलवे पर इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट ट्रेनों (लोकल ट्रेन) के 203 कोच और वेस्टर्न रेलवे पर ईएमयू ट्रेनों के 204 डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे कुल संख्या 407 हो गई है. यह देश में अब तक सीसीटीवी कवर पाने वाली लोकल ट्रेनों की सबसे बड़ी संख्या है.