भारत के नए विदेश सचिव के विनय मोहन क्वात्रा नियुक्त हुए. विनय मोहन क्वात्रा ने रविवार को देश के नए विदेश सचिव के पद को संभाल लिया हैं. विनय मोहन क्वात्रा ने विदेश सचिव के पद पर हर्षवर्धन श्रृंगला के स्थान पर आए हैं. दरअसल आज हर्षवर्धन श्रृंगला रिटायर हो गए. हर्षवर्धन श्रृंगला के सेवानिवृत होने के बाद विनय मोहन क्वात्रा ने रविवार को भारत के नए विदेश सचिव के रूप में कार्यभार संभाला. विनय मोहन क्वात्रा विदेश सचिव बनने से पहले नेपाल में भारत के दूत के रूप में कार्यरत थे.
क्वात्रा ने नेपाल से दोबारा रिश्तें किए मजबूत
साल 2020 में भारत और नेपाल के रिश्तों लगातार बिगड़ रहें थे. वहीं नेपाल चीन से नजदीकियां बढ़ाने लगा था. इस बीच विनय मोहन क्वात्रा को नेपाल का राजदूत बनाया गया था. विनय मोहन क्वात्रा ने नेपाल की जिम्मेदारी उठाते ही दिल्ली और काठमांडू के रिश्तो को फिर से मजबूत करने में लग गए. वहीं क्वात्रा नेपाल के राजदूत बनने के 24 घंटे के अंदर ही नेपाल के सभी बड़े नेताओं से मुलाकात थी.क्वात्रा ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई और दोबारा भारत और नेपाल के रिश्ते को मजबूत बनाया.
फ्रांस में रह चुके है राजदूत
क्वात्रा 1988 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी रहे हैं. क्वात्रा नेपाल के राजदूत बनने से पहले फ़्रांस में भारत के राजदूत रहे थे. सूत्रों के अनुसार क्वात्रा ने फ़्रांस से भारत के रिश्ते मजबूत करने में बहुत काम किए. जिसके चलते ही राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत को फ़्रांस का समर्थन मिला. फ़्रांस में क्वात्रा ने जलवायु परिवर्तन और रक्षा समझौते जैसे कई क्षेत्र में अहम् भूमिका निभाई थी.
दो साल तक पीएमओ कार्यालय में भी किया काम
विनय मोहन क्वात्रा ने दो साल तक प्रधान मंत्री कार्यालय में भी काम किया है. विनय मोहन क्वात्रा ने साल 2015 से 2017 के तक पीएमओ में एक सयुक्त सचिव के पद पर कार्य किया है. इस दौरान क्वात्रा ने सरकार की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर काम किया. इस पालिसी पर काम करते हुए क्वात्रा विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी अफसरों में शामिल हुए. इसके अलावा क्वात्रा जुलाई 2013 और अक्टूबर 2015 के बीच विदेश मंत्रालय के नीति योजना और अनुसंधान प्रभाग का नेतृत्व कर चुके हैं. वहां पर कार्यरत रहते हुए क्वात्रा ने अमेरिका और कनाडा के साथ भारत के संबंधों को भी देखा.