
साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठगने के नए-नए तरीके निकाल ही लेते हैं. इस बार इन ठगों ने लोगों को चूना लगाने के लिए इंडियन आर्मी का सहारा लिया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद हर कोई पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कर रहा है, ऐसे में ठगों ने इसी को जरिया बनाकर साइबर ठगी शुरू कर दी है.
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के नाम से फर्जी मैसेज भेजे जा रहे हैं. जिसमें भारतीय सेना के शहीद या घायल सैनिकों की मदद के नाम पर एक बैंक खाते में डोनेशन की अपील की जा रही है. अक्षय कुमार को इसका ब्रांड अंबेसडर कहा गया है.
₹1 दान वाला वायरल मैसेज फर्जी
Whatsapp पर एक मैसेज भेजा जा रहा है जिसमें दावा किया गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार के सुझाव पर एक नई पहल की है. इस मैसेज में कहा गया है कि सरकार ने एक बैंक अकाउंट खोला है, जिसमें हर भारतीय नागरिक केवल ₹1 प्रतिदिन दान करके भारतीय सेना की मदद कर सकता है. यह दावा भी किया जा रहा है कि इस बैंक अकाउंट को खोलने का फैसला पहलगाम हमले के बाद हुए कैबिनेट बैठक में लिया गया है. और इसमें जमा धनराशि का इस्तेमाल सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए हथियार खरीदने तथा घायल या शहीद सैनिकों की मदद के लिए किया जाएगा.
A WhatsApp message claims that the Govt has opened a bank account for the modernization of the Indian Army.#PIBFactCheck
❌ This claim is MISLEADING.
❌ The mentioned bank account is NOT for Army modernization or weapon purchases.
✅ It belongs to the Armed Forces Battle… pic.twitter.com/hXjXtQebjSसम्बंधित ख़बरें
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) April 27, 2025
सेना के लिए दान से जुड़ी अफवाह से सावधान रहें
वायरल पोस्ट में यह भी कहा गया है कि अगर भारत की 70% आबादी भी हर दिन 1 रुपये दान करती है, तो इससे रोजाना 100 करोड़, महीने के 3,000 करोड़ और साल के 36,000 करोड़ जुटाए जा सकते हैं. जो पाकिस्तान के सालाना रक्षा बजट से भी ज्यादा है. मैसेज के आखिर में 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' लिखा गया है. साथ ही इसमें एक बैंक अकाउंट की जानकारी भी शेयर की गई है.
क्या है सच्चाई
हालांकि इस तरह का दावा फर्जी है. आप इस अकाउंट पर पैसे भेजकर ठगी के शिकार हो सकते हैं. सरकार ने 2016 में Army Welfare Fund Battle Casualty के नाम से एक अकाउंट शुरू किया था जिसका मकसद युद्ध में घायल या शहीद हुए सैनिकों के परिवारों की आर्थिक मुहैया कराना था न कि सेना के लिए हथियार खरीदना.
सरकार की अपील है कि इस तरह के भ्रामक मैसेज से सावधान रहें. विशेष रूप से जब किसी मैसेज में सेना या किसी सरकारी योजना का उल्लेख हो, तो किसी भी खाते में पैसे जमा करने से पहले वैरिफिकेशन जरूर करें. मंत्रालय ने साफ किया कि मैसेज में दिए गए खाता विवरण गलत हैं, दिए गए बैंक खाता विवरण भारतीय सेना के आधुनिकीकरण या हथियारों की खरीद के लिए नहीं है.
क्या न करें
Whatsapp या सोशल मीडिया पर आए अज्ञात बैंक अकाउंट नंबरों में कभी पैसे न भेजें.
किसी सेलिब्रिटी के नाम से जुड़े मैसेज को बिना जांचे शेयर न करें.
दान करते समय हमेशा वेबसाइट के URL की जांच करें, ताकि आप फर्जी साइट्स से बच सकें.