scorecardresearch

वाह! गेमिंग का ऐसा क्रेज….मां ने छीना फोन तो घर छोड़ भागा किशोर, पुलिस ने मिलाया

इतना भी करने से फर्नांडीस नहीं रुका, उसने रेलवे स्टेशनों और हॉटस्पॉट जोन जैसे खुले वाईफाई स्पॉट की तलाश शुरू कर दी थी. वह रेलवे स्टेशन पर वाईफाई से गेम खेलता था और जब भी उसे इसके लिए डांटा जाता था तो वह अपना आपा खो देता था.

Gaming Addiction Gaming Addiction
हाइलाइट्स
  • माता-पिता ने महसूस किया कि उसकी लत एक गंभीर समस्या बन गई है

  • अपने पड़ोसी के साथ रह रहा था लड़का

ज्यादातर बच्चों को गेम्स का काफी क्रेज होता है. ये क्रेज इतना सर चढ़कर बोलता है कि बच्चों को इसकी लत लग जाती है. लत ऐसी लगती है कि बच्चे उस वर्चुअल दुनिया को ही अपनी दुनिया मान बैठते हैं, फिर इसी लत की वजह से वे सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते हैं. अब ऐसा ही एक मामला मुंबई में सामने आया है. अपने गेमिंग एडिक्शन की वजह से घर से भागे एक किशोर को मुंबई पुलिस ने उसके परिवार से मिला दिया है.

क्या है पूरा मामला?

विंसेंट फर्नांडीस (बदला हुआ नाम) नाम का पंद्रह साल का बच्चा 23 दिसंबर को दक्षिण मुंबई के अग्रीपाड़ा इलाके में अपने घर से भाग गया था. जब वह बच्चा घर नहीं पहुंचा तो उसकी मां ने अग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन से संपर्क किया मदद मांगी. फर्नांडीस की मां ने पुलिस अधिकारियों को उसकी गेमिंग की लत के बारे में बताया. मां  ने बताया कि उन्होंने उसे मल्टीप्लेयर गेम खेलने से मना किया था. इससे परेशान होकर वह भाग गया. 

माता-पिता ने किया गेम चलाने से मना 

हालांकि, माता-पिता ने महसूस किया कि उसकी लत एक गंभीर समस्या बन गई है, यहां तक ​​कि वे एक मनोचिकित्सक के पास भी गए और फर्नांडीस को काउंसलिंग सेशन में भी लेकर गए. इसके साथ, ऑनलाइन गेम खेलने से रोकने की कोशिश में, उसके माता-पिता ने उसके मोबाइल फोन से सिम कार्ड भी छीन लिया. 

इतना भी करने से फर्नांडीस नहीं रुका, उसने रेलवे स्टेशनों और हॉटस्पॉट जोन जैसे खुले वाईफाई स्पॉट की तलाश शुरू कर दी थी. वह रेलवे स्टेशन पर वाईफाई से गेम खेलता था और जब भी उसे इसके लिए डांटा जाता था तो वह अपना आपा खो देता था. मां ने पुलिस स्टेशन पर बताया कि फर्नांडीज ने 12 साल की उम्र में PUBG जैसे मल्टीप्लेयर गेम खेलना शुरू कर दिया था और भारत में इस गेम पर प्रतिबंध लगने के बाद भी वह ऐसे अन्य मल्टीप्लेयर गेम खेलने लगा था. 

अपने पड़ोसी के साथ रह रहा था लड़का 

अग्रीपाड़ा के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर श्रीराम कोरेगांवकर ने एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर को मामले की जांच करने और जल्द से जल्द दूसरे बच्चों का पता लगाने के लिए कहा है. दिए गए कुछ नंबरों की मदद से पुलिस टीम को पता चला कि फर्नांडीस परिवार का पालघर जिले के बोइसर में दूसरा घर है.

उन्होंने यह भी पाया कि उसी पड़ोस में रहने वाला एक लड़का फर्नांडीस के साथ मल्टीप्लेयर गेम खेलने वाले खिलाड़ियों में से एक है. पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉल के जरिए लड़के से संपर्क किया और उसने बताया किया कि फर्नांडीस पिछले गुरुवार से उसके साथ रह रहा था. रविवार को फर्नांडिस अपने परिवार वालों से फिर से मिल गया. हालांकि पुलिस द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. 

(दिव्येश सिंह की रिपोर्ट)

ये भी पढ़ें