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Chhattisgarh CM: Vishnu Deo Sai होंगे छत्तीसगढ़ के नए सीएम, पंच से मुख्यमंत्री तक का सियासी सफर किया तय, जानें आदिवासी चेहरे पर बीजेपी ने क्यों लगाया दांव?

Vishnu Deo Sai: विष्णुदेव साय RSS और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी माने जाते हैं. वह दो बार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, चार बार सांसद, दो बार विधायक और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उनकी गिनती सूबे के बड़े आदिवासी नेताओं में होती है. उन्हें लो प्रोफाइल में रहकर काम करना पसंद है. 

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हाइलाइट्स
  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी माने जाते हैं विष्णुदेव साय

  • मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रह चुके हैं मंत्री

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पर सस्पेंस रविवार को खत्म हो गया है. कुनकुरी से विधायक विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे. विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ में बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी भी हैं. बीजेपी ने आदिवासी नेता को सूबे का सीएम बनाकर बड़ा दांव खेला है. विष्णुदेव साय साल 1980 में बीजेपी में शामिल हुए थे. राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है. कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी किसी आदिवासी चेहरे पर दांव लगा सकती है, जो सही साबित हुआ. 

कौन हैं विष्णुदेव साय 
विष्णुदेव राय का जन्म छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगिया गांव में 21 फरवरी 1964 हुआ था. उनके पिता का नाम प्रसाद साय और मां का नाम जशमनी देवी है. वह मूलतः किसान हैं. अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले विष्णुदेव साय अब सूबे की बागडोर संभालेंगे. 

परिवार में दो बेटी और एक बेटा
विष्णुदेव साय ने अपनी पढ़ाई छत्तीसगढ़ में लोयोला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से की. उनकी पत्नी का नाम कौशल्या देवी है. उनके परिवार में पत्नी के अलावा 2 बेटियां और एक बेटी है. उन्हें छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में एक बड़े आदिवासी नेता के रूप में देखा जाता है.

खेलकूद में है गहरी दिलचस्पी
विष्णुदेव साय खेलकूद में भी खासी रूचि रही है. खासकर वे फुटबॉल और बैडमिंटन खेलना बहुत पसंद करते हैं. उन्हें आदिवासियों और आम लोगों के हित में काम करना पसंद है. उन्हें लो प्रोफाइल में रहकर काम करना शुरू से ही पसंद रहा है. 

विष्णुदेव साय का राजनीतिक सफर
विष्णुदेव साय ने पढ़ाई पूरी होने के बाद राजनीति में कदम रखा. 1980 में बगिया से निर्विरोध सरपंच का चुनाव जीत गए. इसके बाद उन्होंने साल 1990 में पहली बार प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा बेचकर विधायक का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वह 1990 से 1998 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे. इसके बाद 1999 में वे 13वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए.

भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे फिर से सांसद बने. 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए फिर से रायगढ़ से सांसद बने. इस बार केंद्र में मोदी सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय दिया. वे 27 मई 2014 से 2019 तक इस पद पर रहे. पार्टी ने 2 दिसंबर 2022 को उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया. इसके बाद विष्णुदेव को 8 जुलाई 2023 को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया.

इन वजहों से बने पहली पसंद
छत्तीसगढ़ के नए सीएम बने विष्णुदेव साय आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. वे 2 बार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष , 4 बार सांसद, 2 बार विधायक और केंद्रीय मंत्री रहे हैं. वे संघ से जुड़े बीजेपी के बड़े आदिवासी नेताओं में शुमार हैं. आदिवासी समाज में उनका बड़ा कद माना जाता है. राज्य में पार्टी की जड़े मजबूत करने में उनका काफी योगदान रहा है. साथ ही व्यहार में विनम्र और कार्यकर्ताओं के साथ बढ़िया तालमेल, ये सब बातें उनके हक में रही, जिसके चलते पार्टी नेतृत्व ने उन्हें सीएम बनाने का फैसला किया. विष्णुदेव की गिनती पूर्व सीएम रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है. 

सीएम बनने के बाद विष्णुदेव साय का पहला रिएक्शन
सीएम के नाम का ऐलान होने के बाद विष्णुदेव साय की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर मैं अपनी सरकार के जरिए पीएम मोदी की गारंटी को पूरा करने की कोशिश करूंगा. आवास योजना के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास स्वीकृत करना नई छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किया जाने वाला पहला कार्य होगा.

कई घंटे चला मंथन
विधायक दल की बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी ओम मौजूद भी बैठक में शामिल थे. रविवार सुबह करीब नौ बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायकों के साथ मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन होता रहा. इसके बाद विष्णुदेव साय का नाम फाइनल हुआ और दिल्ली से भी उनके नाम पर मुहर लग गई.

नए सीएम का हुआ स्वागत 
मुख्यमंत्री पद के लिए साय के नाम की घोषणा होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साय का स्वागत किया. सभी ने उन्हें फूल-मालाएं पहनाईं और बधाइयां दीं. गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं. पिछले चुनाव 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार 35 सीट पर सिमट गई है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) राज्य में एक सीट जीतने में कामयाब रही. आदिवासी समुदाय से अजित जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं बन पाया था. बीजेपी को विष्णुदेव साय को सीएम बनने के फायदा लोकसभा चुनाव 2024 में मिलेगा.