प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 16 अगस्त 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इसमें कई बड़े फैसले लिए गए. मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा और विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी गई है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को भी हरी झंडी दिखा दी गई है.
पीएम ई-बस सेवा पर 57,613 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि पीएम ई-बस सेवा के तहत देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी. इस योजना पर कुल 57,613 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसमें से 20,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से प्रदान किए जाएंगे. यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी.
आम लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश
ई-बस सेवा योजना के तहत, सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा. यह योजना 10 वर्षों के लिए बस संचालन का समर्थन करेगी. आपको बता दें कि मोदी सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले बड़ी संख्या में शहरों को कवर कर आम लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
55 हजार लोगों को मिल सकता है रोजगार
बता दें कि सरकार के इस फैसले के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में इलेक्ट्रिक बस चलाई जाएंगी. ये इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण के अनुकूल होंगी. अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश के 169 शहरों में से 100 शहरों को इसके लिए चुना गया है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि शहरों का चयन चैलेंज मैथड से किया जाएगा. इस योजना के दायरे में हिल स्टेशन, केंद्र शासित प्रदेश भी होंगे. इसके जरिए 55 हजार प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है.
विश्वकर्मा योजना पर 13,000 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी. कैबिनेट ने 13,000 करोड़ रुपए की विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी है.
30 लाख शिल्पकार परिवारों को होगा लाभ
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इससे शिल्पकारों को 1 लाख रुपए तक का लोन 5 प्रतिशत पर दिया जाएगा. विश्वकर्मा योजना से 30 लाख शिल्पकार परिवारों को लाभ होगा. इसके अलावा कैबिनेट ने 14,903 करोड़ रुपये के खर्च के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी. विश्वकर्मा योजना के तहत लोगों के पारंपरिक कौशल वाले लोगों को आर्थिक मदद दी जाएगी. इनमें सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल वाले लोग शामिल हैं.विश्वकर्मा योजना में कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, उनमें सुधार और घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर लोगों की इन उत्पादों तक पहुंच के दायरे को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
रेलवे से जुड़ी 7 प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 32,500 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ भारतीय रेलवे को लक्षित सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. वैष्णव ने कहा कि उक्त परियोजनाएं, जो पूरी तरह से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर बनाई जाएंगी, भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी. परियोजनाओं को केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत वित्त पोषण प्राप्त होगा. ये योजनाएं आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करेंगी.
डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार पर खर्च होंगे 14903 करोड़
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने 14,903 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी दे दी है. मंत्री ने कहा कि विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना योजना के पिछले संस्करण के तहत किए गए कार्यों को जोड़ेगी. वैष्णव ने कहा, प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में 14,903 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 5.25 लाख आईटी पेशेवरों को पुनर्कुशल और अकुशल बनाया जाएगा और 2.65 लाख व्यक्तियों को आईटी में प्रशिक्षित किया जाएगा. विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) के तहत नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे. मंत्री ने कहा कि एनसीएम के तहत पहले ही 18 सुपर कंप्यूटर तैनात किए जा चुके हैं.