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MP's Suspension: वोटिंग से लेकर दैनिक भत्ते तक, जानें निलंबित सांसदों से छिन जाएंगे कौन-कौन से अधिकार

49 सासंदों की लिस्ट में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम, एनसीपी की सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव जैसे सांसद शामिल हैं. 

MP Suspension MP Suspension
हाइलाइट्स
  • जारी किया गया है सर्कुलर

  • छिन जाएंगे निलंबित सांसदों के अधिकार

लोकसभा से 49 सांसदों को निलंबित कर दिया है. अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की वजह से इन सभी को निलंबित किया है. इसके बाद से इस सत्र में निलंबित होने वाले सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है. 49 सासंदों की लिस्ट में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम, एनसीपी की सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव जैसे सांसद शामिल हैं. 

इस कदम ने लोकसभा सचिवालय को निलंबित सांसदों के खिलाफ कड़े कदम उठाने और अलग-अलग संसदीय गतिविधियों में उनकी भागीदारी को प्रतिबंधित करने वाला एक सर्कुलर भी जारी किया है. 

क्या कहा गया है सर्कुलर में? 

सर्कुलर में निलंबित सांसदों को उनके निलंबन की अवधि के दौरान पार्लियामेंट चैंबर, लॉबी और गैलरी में एंट्री करने से रोकने की बार कही है. इसके अलावा, इसका प्रभाव संसदीय समितियों में उनकी भूमिका पर भी पड़ता है, क्योंकि उन्हें समिति की बैठकों से निलंबित कर दिया जाता है. इतना ही नहीं निलंबित हुए संसद नोटिस भी नहीं दे सकते हैं, और निलंबन अवधि के समय समिति चुनावों में वोट करने के लिए भी अयोग्य होते हैं.

दैनिक भत्ते को लेकर क्या होता है?

सर्कुलर में कहा गया है कि निलंबित सांसद अपने निलंबन की अवधि के लिए दैनिक भत्ते के हकदार नहीं होंगे. खासकर अगर उन्हें चालू सत्र के बचे हुए भाग के लिए निलंबित कर दिया गया है तो उन्हें दैनिक भत्ता नहीं दिया जाएगा.  

कई संसद हो चुके निलंबित 

बता दें, लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 46 सहित 141 सांसदों का सामूहिक निलंबन, दोनों सदनों द्वारा एक बड़ा कदम है. ये निलंबन, जो कम से कम शीतकालीन सत्र के खत्म होने तक रहने वाला है. हालांकि, कई लोग सासंदों के निलंबित होने पर सवाल उठा रहे रहे हैं. इसका कारण है कि इनका निलंबन एक ऐसे समय पर हुआ है जो बहुत जरूरी है. इस दौरान बिल पेश किए जा रहे हैं, चर्चा की जा रही है और उन्हें पारित किया जा रहा है, ऐसे में उनका न होना सभा को प्रभावित कर सकता है. 

लोग उठा रहे हैं सवाल 

सामूहिक निलंबन पर काफी नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 22 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. उन्होंने निलंबन को अन्यायपूर्ण बताया है और संसदीय अधिकारों पर इस कथित उल्लंघन के खिलाफ एकजुट होने की बात कही है.