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Cyclone Biparjoy: अरब सागर में बन रहा नया तूफान, जानें बिपरजॉय का भारत पर कब और कितना पड़ सकता है असर

Weather Updates: मौसम विभाग के अनुसार, 8 जून को, कर्नाटक-गोवा-महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.

Cyclone Biparjoy Cyclone Biparjoy
हाइलाइट्स
  • 1 जून के आसपास आता है केरल में मानसून 

  • भारत में मौसम पर पड़ेगा प्रभाव

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पूर्व-मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' के उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है. साथ ही अगले कुछ घंटों में धीरे-धीरे यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. इसके बाद के 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. 

दरअसल, पूर्व-मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर चक्रवाती तूफान लगभग तीन घंटे तक स्थिर रहा. ये गोवा के लगभग 900 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1020 किमी दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1090 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 1380 किमी दक्षिण में था.

भारत में मौसम पर प्रभाव

केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है, मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि चक्रवाती तूफान से केरल तट की ओर मानसून की स्पीड प्रभावित हो सकती है. मौसम विभाग ने अभी तक केरल में मानसून के आगमन की कोई अस्थायी तारीख नहीं दी है, जबकि निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुताबिक यह 8 जून या 9 जून को हो सकता है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कहा गया है, "अरब सागर में ये मौसमी बदलाव मानसून की प्रगति को खराब करती हैं. उनकी वजह से मानसून की धारा तटीय भागों तक पहुंच सकती है. हालांकि, पश्चिमी घाटों से आगे इसके बढ़ने की उम्मीद नहीं है.”

1 जून के आसपास आता है केरल में मानसून 

आम दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून को लगभग सात दिनों के मानक विचलन (Standard Deviation)  के साथ केरल में एंट्री करता है. आईएमडी ने पहले भविष्यवाणी की थी कि मानसून 4 जून तक दक्षिणी राज्य में आ सकता है. जबकि अरब सागर में कम दबाव के कारण केरल में मानसून की शुरुआत में और देरी हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि देश के अन्य हिस्सों में मानसून देरी से पहुंचेगा. यह मौसम के दौरान देश में कुल वर्षा को प्रभावित नहीं करता है.

अगले पांच दिनों में हवा की चेतावनी

मौसम विभाग ने कई राज्यों में हवा की चेतावनी भी दी है. पूर्व-मध्य अरब सागर और पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के आस-पास के इलाकों में हवा की गति 7 जून की शाम से 105-115 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 125 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है. यह आमतौर पर 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक चलने वाली होती हैं. 

मौसम विभाग के अनुसार, 8 जून को, कर्नाटक-गोवा-महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है. इन तटीय क्षेत्रों में अगले चार दिनों तक हवा की गति समान रहने वाली है.