पश्चिम बंगाल में पूर्व बर्दवान जिले के एक स्कूल के शिक्षकों ने अनोखी पहल शुरू की है. उन्होंने स्कूल के गेट पर शीशे के कवर वाली अलमारी रखी है, जिसमें कपड़े रखे हुए हैं. अलमारी पर लिखा है- "सिर्फ तुम्हारे लिए. चाहो तो दे जाओ. चाहो तो ले लो." और 'हृद परश, सिर्फ आपके लिए.'
यह पहल मूल रूप से उन लोगों के लिए शुरूकी गई है जो जरूरत में भी कपड़े खरीदने का सामर्थ्य नहीं रखते हैं. उनके लिए यह अलमारी हमेशा खुली रहती है. लोग अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से कपड़े ले सकते हैं. बहुत से लोगों के घरों में जरूरत से ज्यादा अनुपयोगी कपड़े होते हैं. ऐसे लोग इस अलमारी में दुसरो के लिए कपड़े रख जाते हैं.
शिक्षक दे रहे हैं परोपकार का संदेश
मंगलकोट के खुद्रुन श्यामबाजार की सड़क पर माजीग्राम विश्वेश्वरी उच्च विद्यालय में यह नेक पहल रंग ला रही है. एक छोटे से प्रबंधन के माध्यम से स्कूल के शिक्षक समाज को एक नया संदेश दे रहे हैं कि 'हम सब सभी के लिए है , हम सब दुसरो के लिए है.' इस स्कूल के गेट के सामने दो दीवारी अलमारी लगी हुई है. और यह अलमारी अब दूर-दराज के गांवों के कई दुखी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला रही है.
यदि आवश्यकता हो तो गरीब लोग इस अलमारी को खोलकर जरूरत के हिसाब से कपड़े ले जा सकते हैं. इसके लिए कोई अनुमति की जरूरत है और न ही कोई कीमत देने की. बताया जाता है कि यह व्यवस्था तीन महीने पहले शुरू की गई है. स्कूल की इस तरह की अनूठी और शानदार पहल की सभी तारीफ कर रहे हैं. कई तरह के लोग कपड़े भी रख रहे हैं, ताकि वे किसी के काम आ सकें.
शिक्षकों ने किया आर्थिक सहयोग
माजीग्राम विश्वेश्वरी उच्च विद्यालय (हायर सेकेंडरी स्कूल ) के प्रधान शिक्षक सुब्रत साहा ने कहा, 'वास्तव में, हमारा स्कूल साल भर विभिन्न सामाजिक गतिविधियों का आयोजन करता है. हमलोग देखते है कि स्कूल के बाहर से कई लोगो को फटे हुए कपड़े में गुजरते हैं. ये लोग बहुत ही गरीब परिवारों से हैं, लेकिन किसी से कुछ मांग नहीं सकते हैं. और न ही खरीदने की क्षमता है.
जानकारी के अनुसार , मंगलकोट का माजीग्राम इलाका पूरी तरह से कृषि प्रधान क्षेत्र है. खेती और जनमजदूरी इस क्षेत्र के मुख्य जीविका हैं. स्वाभाविक रूप से, बहुत गरीब लोग इस इलाके में है. इसलिए स्कूल के सह-शिक्षकों और छात्रों से चर्चा के बाद यह पहल की गई. स्कूल के बाहर दीवार पर अलमारी लगाई गई है. ताकि अगर कोई दिन में सबके सामने शर्म महसूस करे तो रात में कपड़े ले सके. इस काम में स्कूल के कुछ शिक्षकों ने भी आर्थिक सहयोग किया और स्थानीय लोगों ने भी साथ दिया.
मंगलकोट ब्लॉक अधिकारी (BDO) जगदीशचंद्र बारुई ने कहा कि इस स्कूल के प्रधान शिक्षक द्वारा की गई पहल वाकई सराहनीय है. ऐसे में अगर सभी आगे आएंगे तो समाज और आगे बढ़ेगा.
(सुजाता की रिपोर्ट)