बीते दिनों फ्लाइट में बवाल करने की कई घटनाएं सामने आईं. ताजा मामला एयर इंडिया की फ्लाइट से जुड़ा है जहां नशे में धुत एक मुसाफिर पर 70 साल की बुजुर्ग महिला यात्री पर पेशाब करने का आरोप हैं. ये वाक्या 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट का बताया जा रहा है. इससे पहले बैंकॉक से कोलकाता आ रही फ्लाइट में मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें 4-5 लोग एक शख्स की थप्पड़ और घूसों से पिटाई कर रहे थे. उससे कुछ दिन पहले ही इंडिगो की एक फ्लाइट में पैसेंजर और अटेंडेंट के बीच बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
इस तरह देखा जाए तो हवाई सफर के दौरान अभद्र व्यवहार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सेफ हवाई सफर के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. अभद्र व्यवहार पर मुसाफिरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. इतना ही नहीं, मुसाफिर को नो फ्लाई लिस्ट में भी डाला जा सकता है.
क्या है नो फ्लाई लिस्ट का नियम-
हवाई सफर के दौरान गलत बर्ताव की शिकायत के निपटारे के लिए मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ने सितंबर 2017 में कुछ नियम जारी बनाए थे. इसके तहत हवाई सफर के दौरान बुरा बर्ताव करने वाले मुसाफिरों की एक लिस्ट तैयार करने का कॉन्सेप्ट पेश किया गया. ये कानून सभी भारतीय एयरलाइंस पर लागू होते हैं. इसमें टोक्यो समझौता 1963 के प्रावधानों के मुताबिक बुरा बर्ताव करने वाले मुसाफिरों से निपटने के लिए जरूरी बदलाव किए गए. नए नियम के तहत नो फ्लाई लिस्ट में बुरे बर्ताव को लिए 3 कैटेगरी में बांटा गया.
पहली कैटेगरी-
अगर कोई मुसाफिर मौखिक अभद्रता करता है, तो उसे फर्स्ट कैटेगरी में रखा जाता है. इसमें धमकी देना, आपत्तिजनक व्यवहार, वर्बल हैरेसमेंट जैसे शांति भंग करने का बर्ताव शामिल है. अगर कोई मुसाफिर इसका दोषी पाया जाता है तो उसपर 3 महीने का बैन लगाया जा सकता है. 3 महीने तक वो मुसाफिर हवाई सफर नहीं कर पाएगा.
दूसरी कैटेगरी-
दूसरी श्रेणी में शारीरिक रूप से अभद्रता शामिल होता है. इसमें धक्का देना, पैर मारना, जकड़ लेना, सेक्शुअल हैरेसमेंट या गलत तरीके से छूना शामिल है. अगर कोई मुसाफिर सेकेंड कैटेगरी का दोषी पाया जाता है तो से हवाई सफर पर 6 महीने के लिए बैन लगाया जाता है.
तीसरी कैटेगरी-
तीसरी कैटेगरी में ऐसे मामलों को शामिल किया जाता है, जिसमें सह-यात्री या क्रू-मेंबर को जीवन को खतरा हो. इसके तहत अगर कोई मुसाफिर दोषी पाया जाता है तो उसके हवाई सफर पर 2 साल तक का बैन लग सकता है. अगर मामला गंभीर है तो मुसाफिर को आजीवन हवाई सफर से रोका जा सकता है.
मुसाफिर को गिरफ्तार करने का भी है नियम-
अगर कोई मुसाफिर अभद्र बर्ताव करता है तो उसे गिरफ्तार करने का भी नियम है. जापान की राजधानी टोक्यो में 14 सितंबर 1963 का एक समझौता हुआ था, जिसे टोक्यो समझौता कहा जाता है. इसके मुताबिक पायलट-इन-कमांड को विशेष अधिकार मिले हैं. पायलट अभद्र व्यवहार करने वाले मुसाफिर को हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप सकता है. इस समझौते में शामिल कोई भी देश मुसाफिर को अपनी कस्टडी में ले सकता है. गिरफ्तार मुसाफिर को अपने प्रतिनिधि से संपर्क करने का अधिकार है.
हालांकि गिरफ्तार करने के बाद अथॉरिटी को गिरफ्तार किए गए मुसाफिर के देश को इसकी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा जिस देश का विमान है, उसे भी इसकी सूचना देना जरूरी है. टोक्यो समझौते के मुताबिक जांच एजेंसी दोनों पक्षों को तथ्यों और जांच की रिपोर्ट देगी. ये नियम भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मुसाफिरों दोनों पर लागू होता है.
अगर कोई मुसाफिर विमान अपहरण या इसकी अफवाह फैलाने की कोशिश करता है तो उसको भी सजा का प्रावधान है. अगर विमान अपहरण के दौरान किसी मुसाफिर की मौत हो जाती है तो अपहरणकर्ता को उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है. साल 2019 में अहमदाबाद की एक विशेष अदातल ने एक शख्स को अपहरण रोधी अधिनियम 2016 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
अभद्र मुसाफिरों पर एक्शन का क्या है प्रोसेस-
अगर कोई मुसाफिर फ्लाइट में बुरा बर्ताव करता है. किसी सह-यात्री या क्रू-मेंबर के साथ दुर्व्यहार करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. लेकिन इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. चलिए आपको बताते हैं अभद्र मुसाफिरों के खिलाफ कार्रवाई करने की क्या प्रक्रिया है.
बैन के खिलाफ अपील का अधिकार-
बैन के फैसले के खिलाफ पीड़ित व्यक्ति अपील कर सकता है. मुसाफिर 60 दिन के भीतर अपील दायर कर सकता है. यह अपील मिनिस्ट्री के अपीलीय समिति के सामने किया जा सकता है. समिति के अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस ही करेंगे. लेकिन अपील का अधिकार उस मुसाफिर को नहीं हो, जिसपर गृह मंत्रालय ने बैन लगाया है.
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