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Digi Yatra: मार्च 2023 तक इन भारतीय एयरपोर्ट पर शुरू हो जाएगा E-Boarding Process...कैसे मिलेगी सुविधा, जानिए

यह परियोजना कार्यान्वयन चरण में है और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और वाराणसी हवाई अड्डों पर बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए काम सौंपा है.

Digi Yatra Digi Yatra
हाइलाइट्स
  • एयरपोर्ट पर यात्रियों की संपर्क रहित एंट्री

  • अब चेहरे से होगी पहचान

नागरिक उड्डयन मंत्रालय देश भर के हवाई अड्डों पर चरणबद्ध तरीके से डिजी यात्रा (Digi Yatra) नीति लागू करेगा. इसे अगस्त 2022 से वाराणसी और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर लागू किया जा रहा है. वहीं मार्च 2023 तक कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा, दिल्ली और हैदराबाद में भी ये काम करना शुरू कर देगा. डिजी यात्रा के जरिए भारतीय हवाई अड्डों के सभी चेक प्वाइंट्स पर यात्रियों के लिए निर्बाध, पेपरलेस और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान किया जाएगा.

क्या है डिजी यात्रा?
डिजी यात्रा एक तरीके की चेहरा पहचान प्रणाली (FRT)है जिसके आधार पर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध यात्रा प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी. इसका मुख्य उद्देश्य कागज के बिना किसी संपर्क के जरिए यात्रियों के विभिन्न चेक प्वाइंट्स से निकालना है. इसके लिए उनके चेहरे का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे उनकी पहचान स्थापित होगी जो सीधे उसके बोर्डिंग पास से जुड़ी होगी.

क्या है उद्देश्य?
अधिकारियों ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य कई टच पॉइंट पर टिकट और आईडी के सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करके यात्रियों के अनुभव को बढ़ाना और डिजिटल फ्रेमवर्क का उपयोग करके मौजूदा बुनियादी ढांचे के माध्यम से बेहतर उत्पादन प्राप्त करना है. एक अधिकारी ने कहा कि यह टर्मिनल एंट्री गेट, चेक-इन, बैग ड्रॉप, सुरक्षा जांच से लेकर बोर्डिंग गेट तक हवाईअड्डे में विभिन्न चेक प्वाइंस्ट्स पर यात्री प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा.

यह परियोजना अभी कार्यान्वयन चरण में है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और वाराणसी हवाई अड्डों पर बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए काम सौंपा है. इन हवाई अड्डों पर 'यात्रा के दिन' के लिए पंजीकरण के साथ डिजी यात्रा बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली का प्रारंभिक परीक्षण पूरा हो गया है. अगस्त 2018 में शुरू की गई डिजी यात्रा नीति भारतीय हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा के कार्यान्वयन के लिए विस्तृत दिशानिर्देश प्रदान करती है.

कैसे करेगी काम?

1. डीजीसीए ने डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म के तहत कार्यान्वयन के लिए "ई-बोर्डिंग प्रक्रिया पर कार्यान्वयन (डिजी यात्रा)" शीर्षक से नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (सीएआर) जारी की है.

2. सिस्टम के तहत, मौजूदा डेटा गोपनीयता और डेटा सुरक्षा नियमों के अनुसार यात्री की सहमति से चेहरे की पहचान की जाएगी.

3. यात्री द्वारा शेयर किए गए डेटा का उपयोग परिभाषित उद्देश्य के लिए किया जाएगा और इसे किसी अन्य बाहरी हितधारक के साथ साझा नहीं किया जाएगा.

4. यात्री द्वारा साझा किए गए डेटा को उड़ान के प्रस्थान के 24 घंटे से अधिक समय तक बरकरार नहीं रखा जाएगा.

5. डिजी यात्रा सेंट्रल आइडेंटिटी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म को डिजी यात्रा फाउंडेशन, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की एक संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनी और अन्य संयुक्त उद्यम/निजी हवाई अड्डों द्वारा विकसित किया जाएगा.