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क्या है EPF खाता और कैसे काम करता है, जानें कैसे करें EPF ब्याज दर कैलकुलेशन

कर्मचारी भविष्य निधि EPF खाता खुलवाने से रिटायरमेंट में लाभ मिलता है. EPF को EPFO मैनेज करता है.

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हाइलाइट्स
  • ईपीएफ से टैक्स में मिलती है छूट

  • फिक्स डिपोजिट से भी ज्यादा मिलता है ब्याज

कर्मचारी भविष्य निधि EPF के बारे में तो आपने सुना ही होगा. अगर नहीं सुना तो यहां जान लिजिए कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एक रिटायर्मेंट प्लान होता है. जो भारत में सैलेरी पा रहे लोगों को पेंशन, बीमा के तहत सामाजिक सुरक्षा देने का काम करती है. EPF को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन EPFO मैनेज करता है. इस योजना में हर महीने कर्मचारी और कंपनी बराबर की राशि EPF फंड में डालती है. यह राशि कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% होता हैं. इसके आलावा कर्मचारी पेंशन योजना में कंपनी की तरफ से 8.33% हिस्सा जाता है. 

ये है EPF योजना
ईपीएफ को कर्मचारी भविष्य निधि भी कहते हैं. यह एक रिटायरमेंट लाभ योजना है. इसमें जमा हुए फंड कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद ही मिलती है. कानून के हिसाब से अगर किसी कंपनी में 20 कर्मचारी काम करते हैं तो उन्हें खुद को EPFO में रजिस्टर कराना होता हैं. वहीं भारत में सैलरी पाने वाले सभी कर्मचारी ईपीएफ पाने की पात्रता रखते हैं. अगर किसी कर्मचारी का वेतन 15,000 रुपये से कम हैं तो उसे खुद इपीएफ में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता हैं. ईपीएफ का खाता पर टैक्स में छूट दी जाती है. वहीं इसमें फिक्स डिपोजिट से भी ज्यादा ब्याज मिलता है. साथ ही ईपीएफ खाते पर फ्री इंश्योरेंस भी मिलता है.

ऐसे करें EPF ब्याज दर कैलकुलेशन
मान लिजिए कोई कर्मचारी अप्रैल 2022 से इपीएफ में योगदान कर रहा हैं. इपीएफ में 8.5% प्रति वर्ष ब्याज दर मिलता है. इसकी मासिक ब्याज दर (8.5/12) 0.7083 है. अगर कर्मचारी का वेतन 20,000 हजार हैं, और वह प्रतिमाह अपने वेतन से 12 फीसद ईपीएफ में डालता हैं, जो राशि 2400 रुपये है. वहीं उसे कंपनी की तरफ से पेंशन में 8.33 % और ईपीएफ में 3.67%   डाला जाता हैं. कंपनी की तरफ से इपीएफ खाते में वास्तविक योगदान 724 रुपये होगा. जिससे कर्मचारी के खाते में कुल मासिक योगदान 3134 रुपये होगा.