जल, थल और वायु सेना को मिलाकर बनाई जाने वाली थियेएट कमान बनाने में भले ही देरी हुई है लेकिन अब लगता है नए साल पर हमें एख थिएटर कमान जरूर मिल जाएगी. सूत्रों की मानें तो यह एक एयर डिफेंस कमान होगी. इस पर वायुसेना के साथ चर्चा चल रही थी जोकि लगभग पूरी हो चुकी है. बता दें कि अभी एयर डिफेंस से जुड़ा फैसला वायुसेना के अलावा थल सेना और नौसेना भी अपने-अपने इलाकों में करती हैं.
सूत्रों ने बताया कि देश में बनने वाली पहली थिएटर कमान एयर डिफेंस कमान होगी जोकि मार्च 2023 से पहले आकार ले लेगी. कमान बनने के बाद नौसेना और थलसेना को अपने एयर डिफेंस सिस्टम संचालित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
क्या है थियेटर कमान?
यह एक तरह का कम्बाइंड कमांड है जिसके तहत थल सेना, नैसेना और वायु सेना मिलकर काम करेंगी. चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में थिएटर कमांड हैं. भारत में अभी थलसेना और वायुसेना की सात-सात और नौसेना की तीन कमांड हैं. इन्हें मिलाकर चार कमान तैयार की जाएगी. सभी के थियेटर कमांड सीडीएस को रिपोर्ट करेंगे.
क्या थिएटर कमांड्स एक नया विचार है?
यह लंबे समय से सुझाव दिया गया है कि भारत को एक एकीकृत ट्राई-सर्विस कमान स्थापित करनी चाहिए. यह सिफारिश कारगिल युद्ध के बाद आई थी.जनवरी 2020 में जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाए जाने के बाद, उन्होंने इन कमांडों के लिए संभावित डिजाइनों पर विचार-विमर्श करने के लिए सशस्त्र बलों के उप प्रमुखों के साथ मुलाकात की. 2020 की शुरुआत में इसे स्थापित किया जाना था लेकिन कोरोना माहमारी की वजह से ये काफी समय तक टल गया.
क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
थिएटर कमांड सिस्टम का लक्ष्य सशस्त्र बलों के तीन कम्पोनेंट्स के बीच सहयोग बढ़ाना है. सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए अलग-अलग कमांड के स्थान पर एक एकल कमांडर द्वारा एक एकीकृत कमान की स्थापना और नेतृत्व किया जाएगा. एक एकीकृत थिएटर कमांड एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए एक कमांडर के तहत तीन सेवाओं के संसाधनों के संयोजन की सुविधा प्रदान करता है. इसके अलावा संसाधनों का प्रभावी इस्तेमाल सुनिश्चित करते हुए भावी युद्धक चुनौतियों के लिए सेनाओं को तैयार करना इसका मकसद है.
यह कमान पूरा तरह से वायुसेना के कंट्रोल में होगी. वायुसेना प्रमुख के पास इसके संचालन के अधिकार होंगे. इसके अलावा थिएटर कमान का एक अलग प्रमुख भी बनाया जाएगा जिसकी रैंक एयर मार्शल के अधिकारी की होगी. अभी भारत में तीनों सेनाओं की कुल मिलाकर 17 कमान हैं. एयर डिफेंस, समुद्री, पूर्वी और पश्चिमी कमान सबसे पहले बनेगी.