जानिए क्या है Amrit Bharat Station Scheme, जिसके तहत किया जा रहा है रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास
आज रेलवे ने लोकार्पण और शिलान्यास का नया रिकॉर्ड बनाया है. पहले ही पीएम मोदी 504 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण एवं शिलान्यास कर चुके हैं और आज इसी कड़ी में 554 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को करीब 41,000 करोड़ रुपये की 2,000 से ज़्यादा रेल परियोजनाओं की सौग़ात दी है. पीएम मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के कामों का शिलान्यास किया है. वहीं लखनऊ के पुनर्विकसित गोमती नगर रेलवे स्टेशन का उद्घाटन भी किया है.
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने क़रीब 1500 रोड, ओवर ब्रिज और अंडरपास का शिलान्यास और उद्घाटन किया है. मोदी सरकार का दावा है कि वे लगातार रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं देने पर ज़ोर दे रहे हैं.
इन स्टेशनों में होंगी ये फैसिलिटी
इन स्टेशनों में रूफ प्लाजा, सौंदर्य की दृष्टि से सुंदर लैंडस्केपिंग, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी, बच्चों के लिए समर्पित प्ले एरिया, कियोस्क और फूड कोर्ट जैसी आधुनिक यात्री सुविधाएं होंगी.
इसके अलावा, उन्हें पर्यावरण की दृष्टि से सस्टेनेबल और विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाने के लिए फिर से डिजाइन किया जाएगा. इन स्टेशनों का वास्तुशिल्प डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और स्थापत्य शैली से प्रेरित होगा.
रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे नेटवर्क में स्टेशनों के व्यापक विकास के उद्देश्य से 'अमृत भारत स्टेशन योजना' शुरू की है. यह पहल स्टेशन सुविधाओं की निरंतर वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए लॉन्ग टर्म में काम कर रही है.
इस योजना में स्टेशनों पर विभिन्न सुविधाओं को बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्टेज में मास्टर प्लान तैयार करना और क्रियान्वयन करना शामिल है, जिसमें पहुंच में सुधार, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय और जरूरत के हिसाब से लिफ्ट/एस्केलेटर स्थापित करना शामिल है.
यह स्वच्छता, मुफ्त वाई-फाई के प्रावधान, 'एक स्टेशन एक उत्पाद' जैसी पहल के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने, यात्री सूचना प्रणाली को बढ़ाने, कार्यकारी लाउंज की स्थापना, कमर्शियल मीटिंग्स के लिए निर्दिष्ट स्थान और प्रत्येक स्टेशन की जरूरत के अनुरूप लैंडस्केपिंग को भी प्राथमिकता देता है.
इसके अतिरिक्त, यह योजना स्टेशन भवनों की वृद्धि, आसपास के शहरी क्षेत्रों के साथ स्टेशनों को इंटीग्रेट करने, मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन को बढ़ावा देने, 'दिव्यांगजनों' के लिए सुविधाएं देने, सस्टेनेबल और पर्यावरण के अनुकूल समाधान लागू करने, गिट्टी रहित ट्रैक पेश करने और 'रूफ प्लाजा' बनाने पर जोर देती है.
यह योजना स्टेशनों पर फेजिंग, फिजिएबिलिटी और सिटी सेंटरों की लॉन्ग-टर्म स्थापना पर भी विचार करती है. इनमें से कई स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास बिंदु (प्रस्थान और आगमन) बनाने के लिए हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे से प्रेरणा ली गई है.
वर्तमान में, इस योजना के तहत 1318 स्टेशनों को विकास/पुनर्विकास के लिए निर्धारित किया गया है, जबकि भारतीय रेलवे नेटवर्क पर 'आदर्श स्टेशन योजना' के तहत 1251 स्टेशनों का विकास पहले ही हो चुका है.