प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 25 नवंबर को कई अहम फैसले लिए गए. जिसमें से एक अटल इनोवेशन मिशन को जारी रखने का फैसला है. नीति आयोग के तहत संचालित इस प्रमुख कार्यक्रम को 31 मार्च 2028 तक जारी रखा जाएगा. इसे अटल इनोवेशन मिशन 2.0 ( Attal Innovation Mission 2.0) नाम दिया गया. इस योजना के लिए 2750 करोड़ का बजट अलॉट किया गया है.
क्या है अटल इनोवेशन मिशन 2.0
अटल इनोवेशन मिशन 2.0 भारत को 'विकसित भारत' (Viksit Bharat) की तरफ ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसका मकसद भारत में पहले से मौजूद इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप के इकोसिस्टम को बढ़ाना है. ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत वर्तमान में 39वें नंबर पर है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. अटल इनोवेशन मिशन 2.0 का अगला चरण भारत की ग्लोबल कॉम्पिटीटिवनेस को और बढ़ाने में मदद करेगा. इससे रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बनेंगे. इसकी वजह से कई सर्विसेज विकसित होंगी और अलग-अलग क्षेत्रों में इसका बेहतरीन असर होगा.
अटल इनोवेशन मिशन 2.0 का फोकस-
अटल इनोवेशन मिशन 24 अप्रैल 2019 को शुरू हुआ था. इसके बाद इससे देश में इनोवेशन स्ट्रक्चर का निर्माण हुआ. इससे इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूती मिली. इस इनोवेशन मिशन का मकसद इस इकोसिस्टम को मजबूत करना और उसकी गुणवत्ता में सुधार करना है. इस मिशन के तहत राज्य सरकार, उद्योग, शैक्षणिक संस्थानों और समुदायों के साथ मिलकर नई कोशिश होगी.
अटल इनोवेशन मिशन 2.0 के तहत तीन मुख्य पहलुओं पर फोकस किया जाएगा. चलिए उनके बारे में बताते हैं.
अटल इनोवेशन मिशन 2.0 का प्रभाव-
अटल इनोवेशन मिशन 2.0 के प्रभाव की बात करें तो इसका मकसद दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत करना है. भारत में नए रोजगार पैदा करना है और रोजगार के नए अवसर और स्टार्टअप्स को मजबूत बनाना है. यह पहल 'डिजिटल इंडिया' और 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने में मुख्य भूमिका निभाएगी.
ये भी पढ़ें: