![Nursing and Midwifery Commission Bill, Dental Commission Bill Nursing and Midwifery Commission Bill, Dental Commission Bill](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202307/dexter_-_2023-07-24t174003.732-sixteen_nine.png?size=948:533)
सरकार ने सोमवार को लोकसभा में नेशनल डेंटल कमीशन बिल 2023 पेश किया. नेशनल डेंटल कमीशन बिल डेंटिस्ट एक्ट 1948 को खत्म करने और इसकी जगह पर एक नया कमीशन एनएमसी बनाने की सिफारिश करता है. इस बिल के पारित होने के बाद भारत में लंबे समय से काम कर रही डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया खत्म हो जाएगी. इस बिल का भविष्य में किसे फायदा मिलने जा रहा है आइए जानते हैं.
डेंटल एजुकेशन को किफायती बनाना उद्देश्य
डेंटल कमीशन की संरचना राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की तरह होगी. इस बिल का उद्देश्य डेंटल एजुकेशन को किफायती बनाना और ओरल हेल्थकेयर को सुलभ बनाना है. इस बिल का काम डेंटिस्ट्री और डेंटिस्टों के बीच में तालमेल बनाने के साथ ही इन्हें रेगुलेट करने की व्यवस्था करना है. एनडीसी को प्रभावी, कुशल और चुरंत निर्णय लेने के मकसद से बनाया गया है.
33 सदस्यों का होगा कमीशन
डेंटल कमीशन 33 सदस्यीय होगा. इसमें 1 चेयरपर्सन, 8 एक्स ऑफिस मेंबर्स और 24 पार्ट टाइम सदस्य होंगे. कमीशन या बोर्ड के सभी सदस्यों का कार्यकाल 4 साल होगा. जबकि डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया में हर राज्य का एक नॉमिनी होता है. स्टेट काउंसिल और विश्वविद्यालयों में भी ऐसा ही होता है. इन नॉमिनीज के अलावा केंद्रीय गवर्नर का भी एक नॉमिनी होता है.
डेंटल एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा
निजी डेंटल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटों पर फीस स्ट्रक्चर को रेगुलेट करने की व्यवस्था की जाएगी. एक्सीडेंट के मामलों में भी डेंटिस्ट्री या डेंटल हेल्थकेयर को तत्काल जोड़ने की प्रकिया पर भी इस बिल में प्रावधान किया गया है. भारत में लोग Dentistry में करियर बनाने से बचते हैं क्योंकि इस सेक्टर में जॉब के पर्याप्त मौके नहीं हैं. लोग इतना पैसा खर्च करने के बाद 10,000 रुपये से 20,000 रुपये पर काम कर रहे हैं और पास होने के बाद उन्हें कोई नौकरी नहीं मिल रही है. हमारी 95 प्रतिशत आबादी डेंटल समस्याओं से पीड़ित है, बावजूद इसके देश में डेंटिस्टों के लिए बेस्ट ऑप्शन नहीं है. ऐसे में इस बिल के आने से डेंटल एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा.