

मानसून की सुस्त चाल के कारण देश के उत्तर-पश्चिम और पूर्वी हिस्सों में अगले कुछ दिन तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और झारखंड में अगले चार दिन तक तापमान 42 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है.
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बंगाल के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. झारखंड में हीटवेव के कारण स्कूलों में 15 जून तक छुट्टी दे दी गई है, जबकि पश्चिम बंगाल में स्कूल के समय में बदलाव किया गया है.
हीटवेव डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट में शामिल नहीं
दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा लू का सामना कर रहे हैं. भीषण लू को देखते हुए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है लेकिन हीटवेव को अभी भी आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत अधिसूचित आपदा के रूप में शामिल नहीं किया गया है. हीटवेव को आपदा प्रबंधन अधिनियम में शामिल करने की बहस कोई नई नहीं है. हर साल इसपर बहस होती है लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकलता.
आपदा प्रबंधन अधिनियम क्या है?
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम (एनडीएमए) 1999 में ओडिशा में आए चक्रवात, 2001 में गुजरात में आए भूकंप और 2004 में आई सुनामी के दौरान बनाया गया था. आपदा प्रबंधन अधिनियम , 2005 में 11 अध्याय और 79 धाराएं हैं. यह अधिनियम पूरे भारत में लागू है.
प्राकृतिक या इंसानों की वजह से आई कोई भी आपदा, जिससे जान जा सकती हो, प्रॉपर्टी का भारी नुकसान होता हो, या फिर पर्यावरण को गंभीर हानि हो, ये सभी डीएम एक्ट में आते हैं.
केंद्र की तरफ से आता है फंड
यह अधिनियम राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर आपदाओं के कुशल प्रबंधन के लिए कई एजेंसियों और संगठनों का निर्माण करता है. इसके अलावा ये हर लेवल पर आपदा से निपटने की प्लानिंग भी करता है. सरकार आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर फंड भी मुहैया कराती है. नेशनल लेवल पर एनडीआरएफ और स्टेट के स्तर पर एसडीआरएफ के तहत फंड का इस्तेमाल होता है. NDRF का पूरा फंड केंद्र की तरफ से आता है, वहीं राज्य में भी 75 फीसदी फंड केंद्र ही मुहैया करता है और बाकी 25 प्रतिशत राज्य का अपना कोष होता है.
'अधिसूचित आपदाएं' कौन सी हैं?
एनडीएमए आपदा को "प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों" से होने वाली "आपदा या दुर्घटना" के रूप में परिभाषित करता है. शीत लहर, चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीटों का हमला, ठंढी लहरें डीएम एक्ट में शामिल हैं.
पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश
जहां एक तरफ उत्तर भारत में गर्मी का कहर जारी है, वहीं दक्षिण, पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश हो रही है. महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई है, और इस महीने अब तक कुल 14 लोगों की वर्षा जनित घटनाओं में मौत हुई है.