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क्या है Jammu and Kashmir National Front और सरकार ने क्यों इसे घोषित किया गैरकानूनी संगठन

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट (JKNF) पर 5 साल का बैन लगा दिया है. इस संगठन पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. इस संगठन का मुखिया अहमद खान साल 2017 से जेल में बंद है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में अहमद खान को गिरफ्तार किया था. आज भी खान जेल में बंद है.

Home Ministry imposed a 5 year ban on JKNF Home Ministry imposed a 5 year ban on JKNF

केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने और आतंकवाद का समर्थन करने को लेकर जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट (JKNF) पर बैन लगा दिया है. सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत जेकेएनएफ पर 5 साल का बैन लगाया है.

JKNF पर 5 साल का बैन-
सरकार ने जेकेएनएफ को गैरकानूनी संगठन घोषित किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया और लिखा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है. संगठन को जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और आतंकवाद का समर्थन करने, राष्ट्र की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को चुनौती देने के लिए अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पाया गया है. हम भारत के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आतंकवादी ताकतों को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

जेल में है JKNF का सरगना अहमद खान-
जम्मू-कश्मीर नेशनशल फ्रंट (JKNF) के अध्यक्ष अहमद खान हैं. अहमद खान को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में 24 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया था. अहमद खान अभी भी जेल में बंद है. सरकार ने इस संगठन को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. जेकेएनएफ के नेता और सदस्य कश्मीर के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शनकारियों को जुटाने में शामिल रहे हैं. इसमें सुरक्षाबलों पर बथराव करना भी शामिल है.

क्या है JKNF संगठन-
जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट की स्थापना मई 1977 में ब्रिटेन में की गई थी. इसकी शुरुआत अमानुल्लाह खान ने की थी. अमानुल्लाह खान जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) बनाने वालों में से एक था. उसने इस संगठन की शुरुआत तब की थी, जब अमानुल्लाह के ज्यादातर साथी मारे गए थे या भारतीय सेना के जरिए पकड़ लिए गए थे. इस संगठन को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के मीरपुर समुदाय से समर्थन मिलता है.

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JKLF से सितंबर 1995 में एक और गुट अलग हो गया, जिसकी अगुवाई यासीन मलिक ने की. हालांकि जेकेएलएफ के दोनों गुट जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आत्मनिर्णय के समान उद्देश्य के लिए काम करते हैं. यासीन मलिक के गुट ने इस मकसद को पाने के लिए हिंसा का रास्ता छोड़ दिया था.

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