संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में मौजूदा बजट सत्र के आखिरी दिन शनिवार को गहमागहमी रही. नियम 193 के तहत राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह विषय को लेकर चर्चा हुई. भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को राम मंदिर निर्माण का श्रेय जाता है और कांग्रेस ने राम के अस्तित्व को ही नकारा था. वहीं गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस पर जमकर भड़के. उन्होंने विपक्ष को गुजराती कहावत सुनाई.
क्या है नियम-193
1. हमारे देश का संविधान लागू होने के बाद 17 अप्रैल 1952 को पहली लोकसभा के गठन के साथ उसके संचालन की प्रक्रिया को लेकर नियम भी बनाए गए थे.
2. ये नियम संविधान सभा के लिए बनी नियमावली पर आधारित थे. उसी नियमावली के तहत नियम 193 आता है.
3. लोकसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के अध्याय XV में नियम 193 शामिल है.
4. नियम-193 यह बताता है कि कोई सदस्य तात्कालिक सार्वजनिक महत्व के एक मामले पर चर्चा के लिए अपने अनुरोध को लिखित रूप में कैसे प्रस्तुत करेगा.
5. नियम 193 के तहत सदन में बिना वोटिंग के तहत बहस का प्रावधान है.
6. नियम 193 के तहत किसी मुद्दे पर चार घंटे तक लोकसभा सदस्यों को चर्चा की अनुमति दी जाती है.
7. लोकसभा में चर्चा खत्म होने के बाद कोई सवाल नहीं पूछे जाते हैं.
8. नियम 193 के तहत चर्चा में सदन के सामने कोई प्रस्ताव नहीं लाया जाता.
9. नियम 193 के तहत सदस्य एक ही सत्र में दो से अधिक चर्चा के प्रस्ताव नहीं रख सकते.
कांग्रेस को लिया आड़े हाथ
गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या स्थित राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर संसद में चर्चा के दौरान राम मंदिर निर्माण को लेकर किए गए आंदोलन और लोगों के योगदान को याद किया. उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस के विरोध करने पर आड़े हाथों लिया. इस दौरान उन्होंने एक गुजराती कहावत विपक्ष को सुनाई. उन्होंने कहा कि हमारे गुजरात में एक कहावत है 'हवन में हड्डी नहीं डालनी चाहिए'. उन्होंने कहा कि पूरा देश जब आनंद में डूबा है, भैया स्वागत कर लो. इसी में देश का भला है.
जय श्री राम के लगे नारे
शाह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कानून संगत है. 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई. यह एक लंबी लड़ाई थी. उन्होंने कहा राम राजनीति नहीं, राष्ट्रनीति हैं. गृह मंत्री शाह जब बोल रहे थे, उस समय लोकसभा में जमकर जय श्री राम के नारे लगे.
भगवान राम हैं हमारे देश की आत्मा
गृह मंत्री ने कहा कि भगवान राम हमारे देश की आत्मा हैं. यह सभी को समझना होगा. उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और रामायण को अलग नहीं कर सकते. 22 जनवरी 2024 को 500 साल के संघर्ष की जीत हुई. 22 जनवरी का दिन 1528 से चली न्याय की लड़ाई का अंतिम दिन है.1528 से राम मंदिर की लड़ाई लड़ने वाले संतों-संगठनों को मैं आज के दिन याद करता हूं. वे आज जहां भी होंगे, आनंद की अनुभूति कर रहे होंगे. हजारों लोग चले गए, कई पीढ़ियां चल गईं, लेकिन वे राम मंदिर के निर्माण का दिन नहीं देख पाए. हम बड़े सौभाग्यशाली हैं.
यह मोदी सरकार है, जो बोलती है, वह करती है
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हम राम मंदिर, 370 का वादा करते थे, तब यह कहते थे कि ऐसे ही वादे करते हैं, जब पूरा करते हैं, तब यह विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार है, जो बोलती है, वह करती है. शाह ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन से अनभिज्ञ होकर कोई भी इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता.
इन्होंने चर्चा के लिए दिया था नोटिस
नियम 193 के तहत चर्चा कराने का नोटिस भाजपा के सांसद सत्यपाल सिंह और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे की ओर से दिया गया था. राज्यसभा में इसी विषय पर अल्पकालिक चर्चा का नोटिस भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, के.लक्ष्मण और मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा ने दिया था.