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#ManipurViralVideo: क्या है रूल 267? जिसके तहत मणिपुर हिंसा के लिए सदन में चर्चा की मांग कर रहा विपक्ष

मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में हिंसा पर चर्चा की मांग की और रूल 267 के तहत नोटिस जारी किया. राज्यसभा का यह नियम किसी मुद्दे को उठाने के लिए एक दिन के कामकाज के निलंबन से संबंधित है.

रूल 267 रूल 267

मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में हिंसा पर चर्चा की मांग की और रूल 267 के तहत नोटिस जारी किया. मल्लिकार्जुन खड़गे की इस अपील का समर्थन तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन ने भी किया. उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा नियम 267 के तहत की जानी चाहिए. कई विपक्षी सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग की थी. 

हाल के दिनों में रूल 267 के तहत विपक्षी दलों द्वारा दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार नहीं किया गया है. इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि वह "योग्यता के आधार पर" रूल 267 को लागू करेंगे. 

क्या है रूल 267?

राज्यसभा का यह नियम किसी मुद्दे को उठाने के लिए एक दिन के कामकाज के निलंबन से संबंधित है. यानी कि उस मुद्दे पर चर्चा संसद में पेश बाकी विषयों से ज्यादा जरूरी है. रूल 267 ये कहता है कि सबसे पहले उस मुद्दे पर चर्चा की जाए जिसे 267 के तहत उठाया गया है. इसके लिए सदस्यों को पहले सभापति से अनुमति लेनी पड़ती है. अगर सभापति रूल 267 के तहत चर्चा कराने की अनुमति देते हैं तो सदन में वोटिंग कराई जाती है और वोटिंग में बहुमत मिलने के बाद उस विषय पर चर्चा होती है. हालांकि विपक्षी नेताओं की हमेशा शिकायत रहती है कि रूल 267 के तहत नोटिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

अगर किसी सदस्य को किसी खास और चर्चित मुद्दे पर चर्चा करनी है तो जो कि लिस्ट नहीं है तो 267 के तहत चर्चा की मांग की जा सकती है. लंबी अवधि की चर्चा के लिए रूल 267 का इस्तेमाल किया जाता है. 2016 के बाद से 267 के तहत किसी भी नोटिस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी गई है. 2016 में आखिरी बार रूल 267 के तहत नोटबंदी पर चर्चा की गई थी. 

मणिपुर घटना को पीएम ने बताया दुखद

विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी पर मणिपुर मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगा रही हैं. उनकी मांग है कि इस मुद्दे पर पीएम संसद में बयान दें. हालांकि पीएम ने गुरुवार को मानसून सत्र के पहले दिन संसद के बाहर इस मामले पर दुख व्यक्त किया था. 

उन्होंने कहा था, 'मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है. ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है. मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें. माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं. भारत के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है.'

अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी

मणिपुर में 2 महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पेची अवांग लीकाई के रहने वाले 32 साल के हुइरेम को पुलिस ने मुख्य आरोपी माना है. शुक्रवार को मणिपुर में कुछ महिलाओं ने इस मामले में गिरफ्तार एक अभियुक्त के घर को आग के हवाले कर दिया.

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?

पिछले दो महीने से मणिपुर हिंसा की चपेट में हैं. हालात को कंट्रोल करने के लिए इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं. मणिपुर में हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद से राज्य में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं, जिसमें सरकार को गैर जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश का राज्य के नगा और कूकी जनजाति विरोध कर रहे हैं. मणिपुर हिंसा में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं. केंद्र सरकार वहां हालात को काबू में करने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है.