भारत में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की जमीन नीलाम हो गई है. मुशर्रफ की 13 बीघा जमीन उत्तर प्रदेश के बागपत में है. शत्रु संपत्ति घोषित होने के बाद सरकार ने इस जमीन की नीलामी की थी. इस जमीन को एक करोड़ से ज्यादा में नीलाम किया गया है. मुशर्रफ की इस जमीन को 3 लोगों ने खरीदा है.
परवेज मुशर्रफ की जमीन नीलाम-
उत्तर प्रदेश के बागपत में पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की 13 बीघा जमीन थी. जिसे नीलाम कर दिया गया है. ये जमीन कोताना गांव में है. इस जमीन को एक करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपए में नीलाम किया गया है. इस जमीन की आधार मूल्य 39 लाख रुपए रखा गया था. इस जमीन के लिए ऑनलाइन बोली लगाई गई थी. यह पैसा केंद्र सरकार के संपत्ति अभिरक्षक विभाग के खाते में जमा कराया जाएगा.
3 लोगों ने खरीदी जमीन-
मुशर्रफ की जमीन को तीन लोगों ने खरीदा है.वो 25 फीसदी पैसे भी सरकार के पास जमा करा चुके हैं. इस जमीन के खरीदारों को पूरा पैसा 4 महीने के भीतर जमा कराने होंगे.
बंटवारे के बाद पाकिस्तान गया था मुशर्रफ का परिवार-
परवेज मुशर्फ की फैमिली बागपत के कोताना गांव में रहती थी. लेकिन जब देश का बंटवारा हुआ तो उनका परिवार पाकिस्तान चला गया. उसके बाद ही जमीन और हवेली खाली थी. मुशर्रफ की प्रॉपर्टी को शत्रु संपत्ति माना गया था और उसकी नीलामी की गई थी.
राजस्व अभिलेख में यह शत्रु संपत्ति नूरू के नाम से दर्ज है. हालांकि नूरू और मुशर्रफ के बीच किसी संबंध के बारे में जानकारी नहीं है. रिकॉर्ड के मुताबिक नूरू इस प्रॉपर्टी का मालिक था, जो साल 1965 में पाकिस्तान चला गया था.
दिल्ली में हुआ था मुशर्रफ का जन्म-
बताया जाता है कि मुशर्रफ के दादा कोताना गांव में रहते थे. लेकिन मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था और वो कभी बागपत नहीं गए. मुशर्रफ के पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन और मां जरीन बेगम इस गांव में नहीं रहे थे, हालांकि दोनों की शादी इस गांव में हुई थी. मुशर्रफ के माता-पिता साल 1943 में दिल्ली चले गए थे. हालांकि मुशर्रफ के चाचा हुमायूं इस गांव में रहते थे. परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने. 5 फरवरी 2023 को उनका निधन हो गया था.
क्या है एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट-
चीन और पाकिस्तान से लड़ाई के बाद एनिमी एक्ट यानी शत्रु संपत्ति एक्ट को साल 1968 में पारित किया गया था. इसके तहत पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों के उत्तराधिकारियों को अपने पूर्वजों की प्रॉपर्टी पर कोई अधिकार नहीं होगा. ऐसी प्रॉपर्टी को शत्रु संपत्ति कहा गया. इस कानून के मुताबिक उन लोगों की प्रॉपर्टी को भी शत्रु संपत्ति की कैटेगरी में रखा गया, जिनके पूर्वज किसी शत्रु देश के नागरिक रहे हैं. साल 2017 में इसमें संशोधन किया गया.
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