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Winter solstice 2023: आज है साल का सबसे छोटा दिन, जानिए हर साल दिसंबर के महीने में ऐसा क्‍यों होता है?

दिसंबर में हर साल एक खगोलीय घटना घटती है. सूर्य किरणें 22 दिसम्बर भारतीय समयानुसार प्रात: 8 बजकर 57 मिनिट पर मकर रेखा पर लबंवत होने के बाद यह कर्क रेखा की ओर अपनी वापसी यात्रा आरंभ कर रही हैं. इस कारण उत्तरी गोलार्द्ध के शहरों में आज दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होगी.

Winter Solstice Winter Solstice

साल का आखिरी महीना दिसंबर चल रहा है. हर कोई नए साल का इंतजार कर रहा है. दिसंबर का महीना कई मायनों में खास है. इस महीने में क्रिसमस का त्योहार होता है. महीने के आखिरी दिन धूमधाम से पार्टी करके लोग न्यू ईयर सेलिब्रेट करते हैं. इसी दिसंबर में हर साल एक खगोलीय घटना भी घटती है. इस कारण एक दिन साल का सबसे छोटा दिन और रात साल की सबसे बड़ी रात होती है. हर साल ये या तो 21 दिसंबर या फिर 22 दिसंबर को होता है. इसे विंटर सॉल्स्टिस (Winter Solstice) या शीतकालीन संक्रान्ति कहा जाता है.

क्यों है खास?
इस दिन सूरज से धरती की दूरी ज्यादा हो जाती है. पृथ्वी पर चांद की रौशनी देर तक रहती है. विंटर सोल्सटिस इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते समय लगभग 23.4 डिग्री झुकी होती है. झुकाव की वजह से प्रत्येक गोलार्द्ध को सालभर अलग-अलग मात्रा में सूर्य की रोशनी मिलती है. सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी के चक्कर लगाने के समय 22 दिसंबर 2022 को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा. इससे धरती के उत्तरी गोलार्द्ध से सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी. इस दिन सूर्य की रोशनी का एंगल 23 डिग्री 26 मिनट 17 सेकेंड दक्षिण की तरफ होगी. 

विंटर की तरह समर सॉल्स्टिस भी
विंटर सॉल्स्टिस के दौरान दक्षिणी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें अधिक पड़ती हैं, जबकि उत्तरी गोलार्द्ध में इसके ठीक उल्टा होता है. इसके परिणामस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध  में सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है. वहीं दक्षिणी गोलार्द्ध में आज का दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होती है. इस कारण अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में इस दिन से गर्मी की शुरुआत हो जाती है. विंटर सॉल्स्टिस की तरह ही गर्मियों में समर सॉल्स्टिस भी होता है. ये जून में 21 से 22 तारीख के आस पास होता है और इसका प्रभाव से बिल्कुल उल्‍टा होता है. इस दिन उत्‍तरी गोलार्द्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है.

भारत में कब दिखेगा
इस वर्ष, भारत में 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन होगा और संक्रांति सुबह 8.57 बजे होगी. वर्ष का सबसे छोटा दिन उत्तरी गोलार्ध में दिन के दौरान होगा, जिसमें लगभग 7 घंटे और 14 मिनट का दिन होगा.

शीतकालीन संक्रांति 2023 कैसे देखें
इस घटना को याद करने का एक अच्छा तरीका संक्रांति के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त देखना है. विंटर सॉल्स्टिस के दौरान सूर्योदय देखने के लिए ब्रिटेन के स्टोनहेंज में बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा होते हैं. स्टोनहेंज दुनिया के मशहूर विरासत स्थल के तौर पर जाना जाता है, यहां वास्तुशिल्प के हिसाब से सबसे परिष्कृत प्राचीन समय का स्टोन सर्कल है. दूसरा तरीका यह है कि अंधेरा होने के बाद बाहर जाएं और कुछ देर तारों को निहारें.