Baba Siddique Shot Dead: महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में माने जाने वाले बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता बाबा सिद्दीकी को 15 दिन पहले ही जान से मारने की धमकी मिली थी. इसके देखते हुए सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी.
बाबा सिद्दीकी को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई थी. इसके बावजूद अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी. इसके बाद सुरक्षा को लेकर तमाम सवाल उठने लगे हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि भारत में X, Y, Z कैटेगरी सहित कितनी तरह की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है. कितने कर्मचारी तैनात होते हैं, किसको और कब सुरक्षा दी जाती है?
भारत में कितनी कैटेगरी की सिक्योरिटी कराई जाती है मुहैया
केंद्र सरकार की ओर कुछ VVIP लोगों को सिक्योरिटी दी जाती है. इस सुरक्षा के अंतर्गत शामिल व्यक्तियों में प्रधानमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, भारतीय सशस्त्र बलों के सेवा प्रमुख, राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री, अभिनेता और अन्य वीआईपी शामिल होते हैं. गृह मंत्रालय की ओर से कुल छह प्रकार की सिक्योरिटी महैया कराई जाती है.
पहली SPG (एसपीजी) सिक्योरिटी. यह सिर्फ प्रधानमंत्री को मिलती है. इसके अलावा Z+ (उच्चतम स्तर), Z सिक्योरिटी, Y सिक्योरिटी, Y+ सिक्योरिटी और X सिक्योरिटी शामिल है. राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है. इनकी सुरक्षा में न तो एसपीजी जवान होते हैं और न दूसरी कैटेगरी के जवान. राष्ट्रपति तीनों सेना के सर्वोच्च सेनापति होते हैं, इसलिए इनकी सुरक्षा सेना की विशेष रेजीमेंट के पास होती है, जिसे प्रेसीडेंट्स बॉडी गार्ड्स (पीबीजी) कहते हैं.
1. SPG
SPG का पूरा नाम है स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी विशेष सुरक्षा समूह. प्रधानमंत्री की सुरक्षा की सुरक्षा की जिम्मेदारी SPG के पास होती है. डीजी रैंक के अफसर के पास इसकी कमान होती है. एसपीजी का मुख्यालय दिल्ली में है. इसकी नींव 1984 में पूर्व मुख्यमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद रखी गई थी. यह तय किया गया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी विशेष एजेंसी के पास होनी चाहिए. इसलिए एसपीजी का गठन किया गया. इसके लिए 1988 में एसपीजी एक्ट पेश किया गया था. पहले पीएम और उनके परिवार को एसपीजी की सुरक्षा मिलती थी, लेकिन मोदी सरकार में इसमें संशोधन किया गया और अब यह सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री को ही मिलती है.
2. Z+ सिक्योरिटी
SPG कवर के बाद देश में Z+ की सुरक्षा उच्चतम स्तर की सिक्योरिटी मानी जाती है. Z+ श्रेणी में 55 कर्मचारियों की सुरक्षा होती है. इसमें 10 से ज्यादा NSG कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं. जिस भी व्यक्ति को Z प्लस सुरक्षा दी जाती है, उसके चारों और 24 घंटे ये सभी कमांडों पैनी नजर रखते हैं. सुरक्षा में लगा हर एक कमांडो मार्शल आर्ट का स्पेशलिस्ट होता है. सभी आधुनिक हथियार से लैस होते हैं. ये जवान घर से लेकर दफ्तार और यात्रा तक में साथ रहते हैं. ये जवान पलक झपकते दुश्मन को धूल चटाने में माहिर होते हैं . इनकी ट्रेनिंग बेहद सख्त होती है. भारत में Z+ सुरक्षा पाने वालों में गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आदि शामिल हैं.
3. Z सिक्योरिटी
SPG और Z+ के बाद सबसे सुरक्षित सिक्योरिटी में तीसरे स्थान पर Z सुरक्षा का नाम आता है. इसमें कुल 22 कर्मचारियों की सुरक्षा में तैनाती होती है. इसमें 4-6 एनएसजी कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं. ये सुरक्षा दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के जवानों द्वारा दी जाती है. बाबा रामदेव, एक्टर आमिर खान सहित कई लोगों को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. आमतौर पर Z श्रेणी की सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मियों का वेतन भुगतान, सुरक्षा कवर लेने वाला निजी व्यक्ति करता है.
4. Y+ सिक्योरिटी
किसी व्यक्ति को सुरक्षा देने के मामले में चौथे स्थान पर नाम Y+ सिक्योरिटी का आता है. इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं. इसमें 1 या 2 कमांडो और 2 निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) शामिल होते हैं. यह उन लोगों को दी जाती है जो देश में विशेष सुरक्षा चाहते हैं और उच्च खतरे की आशंका से जूझ रहे होते हैं. इस समय देश में कई VIP लोगों को इस स्तर की सुरक्षा दी गई है.
5. Y कैटेगरी की सिक्योरिटी
Y श्रेणी की सुरक्षा में कुल आठ कर्मचारियों की टीम सुरक्षा मुहैया कराती है. इसमें 1 या 2 कमांडो और पुलिसकर्मी शामिल होते हैं. इसमें सुरक्षा के रूप में दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) भी शामिल होते हैं. इन सभी की ड्यूटी दो शिफ्टों में लगाई जाती है. इसमें एक-दो सरकारी वाहनों का भी प्रयोग होता है. इस सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को केंद्र सरकार वेतन मुहैया कराती है. हत्या की धमकी मिलने के बाद बाबा सिद्दीकी को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई थी.
6. X सिक्योरिटी
एक्स कैटेगरी की सुरक्षा में सिर्फ दो सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाता है. इसमें से एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है. इस सुरक्षा कैटेगरी में कोई कमांडो शामिल नहीं होता है. देश में ज्यादातर लोगों को इसी कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
कैसे तय होता है कौन सी सिक्योरिटी किसे मिलेगी
किसी भी VIP की सुरक्षा के लिए SPG, NSG (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) जैसी एजेंसियां जिम्मेदार होती हैं. अब आइए जानते हैं कैसे तय होती है कि कौन सी सिक्योरिटी किसे मिलेगी. गृह मंत्रालय यह फैसला करता है कि किसको कौन सी सिक्योरिटी मिलेगी. मंत्रालय से खास अधिकार प्राप्त कमेटी अलग-अलग स्रोतों से मिलने वाले इनपुट के आधार पर किसी VIP का सुरक्षा बढ़ाने या घटाने का फैसला लेती है. यदि किसी व्यक्ति को जान का खतरा है तो उसे सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सबसे पहले अपने निवास के निकटतम पुलिस स्टेशन में एक आवेदन देना होता है.
इसके बाद व्यक्ति को होने वाले खतरे का पता लगाने के लिए मामले को खुफिया एजेंसियों के पास भेज दिया जाता है. जब खतरे की पुष्टि हो जाती है तो राज्य में गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की एक समिति तय करती है कि उस व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जानी है. इसके बाद व्यक्ति का विवरण औपचारिक मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दिया जाता है. केंद्र और राज्य सरकार की बातचीत होती है और उसके बाद ही उस व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया कराने पर अंतिम मुहर लगती है. अभी हाल ही में गृह मंत्रालय ने केंद्रीय केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ा दी है. चिराग को जेड कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई है. पहले उन्हें एसएसबी के कमांडो सुरक्षा दे रहे थे अब उन्हें सीआरपीएफ सुरक्षा देगी.