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क्या है एक्साइज पॉलिसी से जुड़ा पूरा मामला, जिसके तहत दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर CBI ने मारा है छापा 

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के घर पर शुक्रवार को छापे मारी की गई है. करीब 15 घंटे तक उनके आवास की तलाशी ली गई. ये छापेमारी नई एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) से जुड़े मामले को लेकर गई है. चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या था

Manish sisodia Manish sisodia
हाइलाइट्स
  • एलजी ने की थी जांच की सिफारिश

  • एक्साइज पॉलिसी 2021-22, 17 नवंबर, 2021 से लागू की गई थी

केंद्र और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. अब इसी कड़ी में एक्साइज पॉलिसी घोटाले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआइ ने शिकंजा कस लिया है. शुक्रवार को दिल्ली में मनीष सिसोदिया के सरकारी आवास पर छापे मारी की गई. इसके अलावा सात और जगह दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ और बेंगलुरु में 31 स्थानों की तलाशी ली गई. सिसोदिया के घर पर सीबीआई ने करीब 15 घंटे तालशी ली. इस दौरान उन्होंने कई दस्तावेज, डेटा डंप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एफआईआर के अनुसार, सिसोदिया को मामले में पहले आरोपी के रूप में नामित किया गया है. 

सिसोदिया के खिलाफ एक्साइज पॉलिसी का क्या मामला है? 

सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया और अन्य अधिकारियों ने लाइसेंसधारियों को फायदा पहुंचाने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी (competent authority) की मंजूरी के बिना ही एक्साइज पॉलिसी 2021-22 से जुड़े निर्णय लिए हैं. 

एफआईआर के मुताबिक, इंडोस्पिरिट के मालिक समीर महेंद्रू द्वारा कथित तौर पर सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को करोड़ों में कम से कम दो पेमेंंट की गईं. इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के "करीबी सहयोगी" मामले में शामिल आरोपियों के लिए शराब लाइसेंसधारियों से इकट्ठे किए गए पैसे के मैनेजमेंट और इस्तेमाल में सक्रिय रूप से शामिल थे. सिसोदिया के सहयोगियों ने दो पेमेंट में लगभग 4 से 5 करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे. इस एफआईआर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सहित कुल 15 लोगों के नाम हैं. 

एलजी ने की थी जांच  

बता दें, एफआईआर दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के एक संदर्भ पर आधारित थी. कुछ समय पहले ही एलजी ने दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. एलजी ने ये कदम मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद उठाया था. इसमें कहा गया था कि रिपोर्ट में कई नियमों की अनदेखी की गई है.

एक्साइज पॉलिसी 2021-22 क्या है?

एक्साइज पॉलिसी 2021-22 एक एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर बनाई गई थी और 17 नवंबर, 2021 से लागू की गई थी. नई पॉलिसी के तहत, 849 शराब की दुकानों को खुली बोली के माध्यम से निजी कंपनियों को दिया गया था. शहर को 32 क्षेत्रों में विभाजित किया गया था, जिनमें से प्रत्येक में 27 विक्रेता थे. अलग-अलग लाइसेंस के बजाय, क्षेत्र-दर-जोन बोली लगाई गई थी.

जिसके बाद दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 22 जुलाई, 2022 को एक्साइज पॉलिसी के कार्यान्वयन में कथित नियम उल्लंघन और कई अन्य खामियों को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जुलाई में दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट में जीएनसीटीडी एक्ट 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (ToBR) 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन दिखाया गया था.