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Modi govt hikes Kharif crops MSP: कब शुरू हुई एमएसपी की व्यवस्था? क्या होता है एमएसपी तय करने का प्रोसेस जानिए?

Modi govt hikes MSP: केंद्र सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए खरीफ की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार का दावा है कि खरीफ की फसलों की एमएसपी उसके उत्पादन मूल्य का कम से कम 50 फीसदी बढ़ाकर तय किया गया है.

सांकेतिक तस्वीर/PTI सांकेतिक तस्वीर/PTI
हाइलाइट्स
  • मोदी सरकार ने बढ़ाई 17 फसलों की MSP

  • क्या है एमएसपी व्यवस्था

  • किसानों के लिए कितना उपयोगी है MSP

मोदी सरकार ने 2022-23 के लिए 17 खरीफ की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार ने धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 523 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. सरकार ने दावा किया है कि खरीफ की फसलों की एमएसपी उसके उत्पादन मूल्य का कम से कम 50 फीसदी बढ़ाकर तय किया गया है. अब MSP का बजट बढ़कर 1 लाख 26 हजार हो गया है. 

क्या है एमएसपी
केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, इसे ही एमएसपी कहा जाता है. किसानों के हित के लिए एमएसपी की व्यवस्था की गई है. मान लीजिए अगर फसलों की कीमत बाजार के हिसाब से कम भी हो जाती है, तब भी केंद्र सरकार तय एमएसपी पर ही किसानों से फसल खरीदती है.

कब शुरू हुई एमएसपी की व्यवस्था

किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने कुछ फसलों पर एमएसपी देना शुरू किया था. सरकार वर्तमान में सिर्फ 23 फसलों पर ही एमएसपी देती है. 60 के दशक में सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी देना शुरू किया था. एमएसपी सिर्फ एक योजना है. इसे लेकर कोई कानून नहीं बनाया गया है. सरकार चाहे तो इसे बंद भी कर सकती है अगर एमएसपी को लेकर कानून बनता है तो सरकार किसानों से फसल खरीदने पर मजबूर होगी.

कौन तय करता है एमएसपी?

कृषि मंत्रालय के विभाग कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कोस्ट्स एंड प्राइसेस एमएसपी को लेकर सरकार को सलाह देती है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति इसकी कीमत तय करने को लेकर फैसला करती है. कीमत को लेकर सहमति बनने पर सरकार एमएसपी तय करती है. यह किसानों के लिए बीमा की तरह है. शांताकुमार कमिटी के मुताबिक देशभर के केवल 6 प्रतिशत किसानों को ही एमएसपी का लाभ मिल पाया है. अगर सरकार कुल उत्पादन का एक तिहाई हिस्सा भी खरीद ले तो बाजार में कीमत अपने आप ऊपर आ जाती है. इससे किसान अपनी फसल उस कीमत पर बाहर भी बेच देते हैं. इससे नुकसान की आशंका कम होती है. 

जारी किए गए एमएसपी को लेकर सरकार का दावा है कि.

  • इससे बेहतर निवेश और उत्पादन सुनिश्चित होगा

  • किसानों को सुनिश्चित लाभकारी मूल्य मिलेगा

  • आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी

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