उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते के भीतर 3 अफसरों ने VRS के लिए केंद्र सरकार को आवेदन किया है. जानकारी के मुताबिक आईएएस अफसर रेणुका कुमार ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है. रेणुका कुमार 1987 बैच की आईएएस हैं. इससे अलावा 1988 बैच की आईएएस अफसर जूथिका पाटनकार ने भी आवेदन दिया है. जबकि 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास कोठवाल ने स्वास्थ्य कारणों से वीआरएस के लिए आवेदन किया है.
क्या है वीआरएस-
वीआरएस का मतलब Voluntary Retirement Scheme है. इस योजना के तहत कर्मचारी रिटायरमेंट की तारीख से पहले ही रिटायर हो सकता है. ये योजना प्राइवेट और पब्लिक दोनों सेक्टर की कंपनियों में लागू होता है. कुछ कंपनियां इस योजना को कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए भी लागू करती है.
कौन ले सकता है वीआरएस-
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत रिटायरमेंट लेने वाले कर्मचारियों के लिए भी नियम बनाए गए हैं. इस योजना का लाभ वो कर्मचारी उठा सकते हैं, जो 40 साल से अधिक के हैं या जो 10 साल की नौकरी कर चुके हैं. वीआरएस योजना का लाभ कंपनियों के सभी अधिकारी और कर्मचारी उठा सकते हैं. लेकिन सहकारी समिति के निदेशक खुद इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं. नए कर्मचारी भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
कंपनियां भी दे सकती हैं वीआरएस-
कंपनियां भी वीआरएस योजना को लागू कर सकती हैं और अपने कर्मचारियों को रिटायर कर सकती हैं. हालांकि कंपनियां इस नियम को विशेष परिस्थितियों में ही लागू कर सकती हैं. पब्लिक सेक्शन अंडरटेकिंग्स को कर्मचारियों को वीआरएस देने से पहले सरकार से इजाजत लेनी पड़ती है. जबकि प्राइवेट कंपनियों के लिए ये जरूरी नहीं है. प्राइवेट कंपनियां अपना नियम खुद बनाती हैं.
वीआरएस लेने का क्या है नियम-
अगर कोई सरकारी कर्मचारी वीआरएस लेना चाहता है तो उसे नियुक्ति प्राधिकारी को प्रत्यक्ष तौर से 3 महीने पहले इसका नोटिस देना होता है. वीआरएस से रिटायर होने वाले कर्मचारी की जगह कोई दूसरी नियुक्ति नहीं की जाएगी. नोटिस के बाद कर्मचारी को ये साफ करना होता है कि वे क्वालिफाइंग सर्विस को पूरा कर चुका है. इसके बाद वीआरएस ले सकता है. वीआरएस की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और कर्मचारी को अंतिम फैसला लेने का अधिकार मिलना चाहिए.
वीआरएस लेने के फायदे-
अगर कोई कर्मचारी वीआरएस लेता है तो इसके पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होता है. वीआरएस लेने से कई फायदे भी होते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि क्या फायदे होते हैं.
वीआरएस के नुकसान-
हालांकि कर्मचारी खुद की मर्जी से वीआरएस लेता है या कंपनी किसी वजह से वीआरएस नियम लागू करती है. दोनों ही हालात में इसके कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. चलिए आपको बताते हैं कि वीआरएस लेने के क्या नुकसान हैं.
वीआरएस लेने के बाद कर्मचारी दूसरी नौकरी भी कर सकता है. अगर आप उसी कंपनी में नौकरी करना चाहते हैं तो वीआरएस लेने के 90 दिन के भीतर अप्लाई करना होगा.
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