
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. जिसके बाद से ही लगातार पक्ष और विपक्ष में घमासान जारी है. अब इसी कड़ी में मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए ट्वीट करते हुए लिखा, “इतना झूठ टेलीप्रॉम्प्टर भी नहीं झेल पाया”.
दरअसल, राहुल गांधी का ये बयान पीएम मोदी की दावोस शिखर सम्मेलन में स्पीच के दौरान तकनीकी गड़बड़ी के बाद आया है. पीएम मोदी इकोनॉमिक फोरम पर अपना संबोधन दे रहे थे, जिसमें बीच में कुछ तकनीकी दिक्कत आई. इस वजह से पीएम को अपना सम्बोधन बीच में ही कुछ देर के लिए रोकना पड़ा. हालांकि कुछ ही देर बाद उन्होंने फिर से अपनी स्पीच शुरू कर दी. यह वर्चुअल संबोधन था. लेकिन राहुल गांधी समेत विपक्ष के तमाम नेता पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं.
इतना झूठ Teleprompter भी नहीं झेल पाया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 18, 2022
वी पी सिंह को जब पहली बार बताया गया था टेलीप्रॉम्प्टर के बारे में
टेलीप्रॉम्प्टर से जुड़ा एक वाकया पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का भी है. एक बार दूरदर्शन के शीर्ष अधिकारियों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया और स्टूडियो तक ले गए. उनके भाषण की एक कॉपी मेज पर रखी हुई थी. पीएम को तकनीकी कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें केवल कैमरे में देखना चाहिए और जैसा लिखा हुआ दिखाई दे रहा है उसे पढ़ना है.
इसी आदत के चलते पीएम ने रिहर्सल करते हुए अखबार उठाया और उसमें से पढ़ने लगे. वो पहली बार था जब पूर्व पीएम वीपी सिंह को टेलीप्रॉम्प्टर की क्रियाविधि के बारे में बताया गया. इसके बाद, उन्होंने जल्दी से सबकुछ समझा और कहा, “तो ये बात है, मैं भी हैरान था कि ये लोग इतना सब इतनी जल्दी कैसे रट लेते हैं!”
1990 :: PM V.P.Singh Used Teleprompter For Delivering Speech In Doordarshan Studio
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) January 17, 2022
After Using Teleprompter His Reaction Was ...
" Toh yeh baat hai, main bhi hairan tha yeh log itna sab itni jaldi kaise rutt lete hain!’ "
( Source - The Tribune Newspaper ) pic.twitter.com/ix5ZVhSxIb
बगैर टेलीप्रॉम्प्टर के पीएम का भाषण
हालांकि, पीएम मोदी को वैश्विक मंच पर एक बेहतरीन वक्ता के लिए जाना जाता है. पीएम बनने से पहले नरेंद्र मोदी अपने भाषण बगैर टेलीप्रॉम्प्टर के दिया करते थे. देश के कई पीएम अंतराष्ट्रीय मंचों पर टेलीप्रॉम्प्टर जैसी चीजों का इस्तेमाल बहुत पहले से करते आये हैं. वैश्विक घटनाओं में नीति या राजनयिक भाषणों के लिए तथ्यों और आंकड़ों की सटीकता आवश्यक होती है. ये चुनावी भाषणों से एकदम अलग होती हैं. और यही वजह है कि दुनिया के ज्यादातर लीडर टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल करते हैं.
1980s :: Narendra Modi Giving Speech Without Teleprompter pic.twitter.com/IuEXBrJd5k
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) January 17, 2022
क्या है टेलीप्रॉम्प्टर और कैसे करता है काम?
दरअसल, टेलीप्रॉम्पटर एक तरह का खास उपकरण होता है, जिसपर देखकर वक्ता अपना भाषण पढ़ता है. इसका सबसे बड़ा फायदा होता है कि आपको अलग से अपना भाषण या जो भी आप कहना चाहते हैं वो याद नहीं करना पड़ता. इसकी मदद से बड़ी सहजता से भाषण दिया जा सकता है. वैश्विक मंच पर बड़े बड़े नेता टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल करते हैं. उनके अगल बगल में दो बड़े बड़े शीशे जैसे लगे होते हैं, जिनपर भाषण लिखा होता है. ये शीशे ही टेलीप्रॉम्पटर हैं.
टेलीप्रॉम्प्टर से पहले क्या होता था इस्तेमाल?
आपको बताते चलें, टेलीप्रॉम्प्टर काफी बाद में प्रचलन में आया है. इससे पहले एक ओवरहेड प्रोजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता था. यह एक फिल्म या स्लाइड प्रोजेक्टर की तरह, एक स्क्रीन पर एक बड़ी छवि को प्रोजेक्ट करने के लिए लाइट का उपयोग करता था. इसकी मदद से एक छोटे दस्तावेज़ या चित्र को बड़े दर्शकों के साथ साझा किया जा सकता है. प्रोजेक्टर के आने से पहले इनका बड़े पैमाने पर शिक्षा और व्यवसाय में उपयोग किया जाता था.
Overhead Projector In 1970s pic.twitter.com/ZExM5RmbOa
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) January 17, 2022
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