देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. 25 जुलाई तक चुने गए नए राष्ट्रपति को शपथ ले लेनी है. पद के साथ-साथ रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति भवन भी छोड़ना पड़ेगा. काफी लोगों के मन में ये सवाल होगा कि देश के राष्ट्रपति जब तक अपने पद पर होते हैं तब तक वे पूरी दुनिया में अपनी भव्यता के लिए मशहूर, कई एकड़ में फैले आलीशान इमारत राष्ट्रपति भवन में रहते हैं. लेकिन अपने कार्यकाल के खत्म होने के बाद वे कहां रहते हैं और किस तरह की सुविधाएं उन्हें दी जाती है. तो चलिए जानते हैं.
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वे राष्ट्रपति जो कार्यकाल के बाद दिल्ली में नहीं रुके
अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद पटना चले गए थे. देखा जाए तो कुछ ही राष्ट्रपति दिल्ली रुके नहीं तो सब अपने कार्यकाल खत्म होने के बाद दिल्ली छोड़कर अपने-अपने राज्य को लौट गए थे. भारत के दूसरे, चौथे और आठवें राष्ट्रपति कार्यकाल की समाप्ति के बाद चेन्नई चले गए थे. इनके अलावा प्रतिभा पाटिल और एन संजीव रेड्डी भी कार्यकाल खत्म होने के बाद क्रमशः पुणे और बेंगलुरु चले गए थे. बता दें की देश के तीसरे राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन और देश के पांचवे राष्ट्रपति डॉ फखरुद्दीन अली का पद पर रहते ही देहांत हो गया था.
दिल्ली में रहने वाले राष्ट्रपति
देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, नौवें राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा, दसवें राष्ट्रपति केआर नारायणन, ग्यारहवें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और तेरहवें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कार्यकाल खत्म होने के बाद दिल्ली में ही रहे थे.
क्या कहता है नियम
नियम के अनुसार कार्यकाल खत्म होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति को राजधानी में केंद्रीय मंत्री को मिलने वाला बंगला ही आवंटित करना होता है. खबर है कि रामनाथ कोविंद भी कार्यकाल खत्म होने के बाद दिल्ली में रहेंगे.
मिलती है ये सुविधाएं
पूर्व राष्ट्रपति को पेंशन के रूप में 1.5 लाख रुपए प्रति महीने दिया जाता है. इसके अलावा स्टाफ के लिए अलग से 60 हजार रुपए प्रति महीना मिलता है. पूर्व राष्ट्रपति को घर और इलाज की सुविधा भी सरकार के तरह से आजीवन मुफ्त दी होती है. इसके अलावा फोन की सुविधा भी दी जाती है.