तेलंगाना में 4 बार के विधायक रहे चेन्नामनेनी रमेश की भारतीय नागरिकता रद्द कर दीग ई है. हाईकोर्ट ने उनको जर्मनी का नागरिक माना है. कोर्ट ने रमेश पर जर्मन नागरिकता छिपाने और न्यायपालिका को गुमराह करने के लिए 30 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. भारत में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी पूर्व विधायक की नागरिकता रद्द की गई है.
चेन्नामनेनी रमेश 4 बार विधायक रहे हैं. वो साल 1990 में रोजगार के लिए जर्मनी गए थे. वहां उन्होंने जर्मन लड़की से शादी की और फिर जर्मनी की नागरिकता हासिल कर ली. साल 2008 में रमेश भारत लौटे और भारतीय नागरिकता हासिल की. इसके बाद साल 2009 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की. साल 2020 में केंद्र सरकार ने रमेश की नागरिकता रद्द कर दी. भारत में नागरिकता रद्द करने का क्या आधार है? उसका जिक्र किस कानून में है और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) क्या है. OCI कार्डधारक को भारत में किस काम की इजाजत नहीं है. चलिए आपको बताते हैं.
क्या है नागरिकता अधिनियम-
भारत में नागरिकता हासिल करने, उसे रद्द करने के संबंध में पूरी जानकारी नागरिकता अधिनियम 1955 में दर्ज है. इस कानून में कई बार संशोधन किया गया है. इसमें साल 1986, 1992, 2003, 2005 और 2015 में संशोधन किया जा चुका है. इन संशोधनों के जरिए इसमें कानून में कई बदलाव किए गए. नागरिकता दिए जाने की शर्तों में बदलाव किए गए. नागरिकता छीने जाने को लेकर भी इस कानून में जिक्र है.
किसकी नागरिकता छीनी जा सकती है-
भारतीय नागरिकता अधिनियम में सिटीजनशिप छीनने के प्रावधानों का भी जिक्र है. नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9 में किसी व्यक्ति की नागरिकता खत्म करने का जिक्र है. किस आधार पर भारतीय नागरिकता खत्म हो सकती है, चलिए आपको बताते हैं.
ओवरसीज़ सिटीज़नशिप ऑफ इंडिया-
ओवरसीज़ सिटीज़नशिप ऑफ इंडिया (OCI) भारत की विदेशी नागरिकता है. यह भारतीय मूल के लोगों को अनिश्चित समय के लिए भारत में रहने और काम करने की इजाजत देता है. ओसीआई कार्डधारक जमीन खरीद सकते हैं और दूसरे निवेश कर सकते हैं. ओसीआई कार्ड बनाने के लिए क्या शर्तें हैं. चलिए आपको बताते हैं.
ओवरसीज़ सिटीज़नशिप ऑफ इंडिया कार्डधारक भारत में कभी भी कितने समय के लिए रह सकते हैं. लेकिन उनको कुछ अधिकार नहीं मिले हैं, जो भारत के नागरिको को है. चलिए उनके बारे में बताते हैं.
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