संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman)आगामी एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करेंगी. हर बार बजट पेश होने से पहले तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 'हलवे की रस्म' होती है. हालांकि, इस बार कोरोना महामारी के कारण हलवे के बदले उन्हें मिठाई खिलाई गई. बजट को समझने से पहले इससे जुड़ी तमाम प्रक्रियाओं को समझना जरूरी है. आज हम आपको बताएंगे कि हलवा सेरेमनी क्या होती है और इससे पहले बजट में लगे सभी अधिकारी क्यों सभी पारिवारीक काम निपटा लेते हैं.
दरअसल, हलवा सेरेमनी या मिठाई सेरेमनी के बाद बजट से जुड़े तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को इसे तैयार करने के लिए कड़े पहरे में रहना होता है. वह पूरी तरह से अपने परिवार और दोस्तों से कट जाते हैं, जिससे बजट को लेकर गोपनीयता बनी रहे. इस काम में लगभग 100 अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते हैं. जब तक बजट पेश नहीं होता है इन्हें सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था में रहना होता है.
क्या है हलवा सेरेमनी (मिठाई सेरेमनी )
हलवा सेरेमनी बजट पेश करने से पहले की एक अहम रस्मों में से एक है. बजट से पहले यह रस्म एक परंपरा के तौर पर हर साल निभाई जाती है. माना जाता है कि किसी भी शुभ काम को करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए. हलवा सेरेमनी दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्यालय नॉर्थ ब्लॉक में होती है. इसमें एक बड़े बर्तन में हलवा तैयार किया जाता है और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को परोसा जाता है. हालांकि, इस साल कोरोना महामारी के कारण हलवे के बजाय सभी को मिठाई बांटी गई.
वित्त मंत्रालय में टाइट रहती है सिक्योरिटी
आपको जानकर हैरानी होगी की अधिकारियों-कर्मचारियों के एक बार काम पर जुट जाने से लेकर बजट बनने तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. ऐसा करना इसलिए जरूरी है ताकि बजट से जुड़ी जानकारी लीक न हो सके. यहीं कारण है कि इस काम में लगे लोगों पर साइबर सिक्योरिटी सेल का पहरा रहता है.