फ्लाइट्स में बम होने की धमकियां लगातार बढ़ रही हैं और इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने संवेदनशील रूट्स पर एयर मार्शल की तैनाती को दोगुना करने की घोषणा की है. सोशल मीडिया चैनलों पर किए जा रहे दावों के साथ बढ़ रही धमकियों की सूचना मिलने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.
गृह मंत्रालय (एमएचए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बढ़ते रिस्क को देखते हुए और खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए फैसले की पुष्टि की. सरकार को एविएशन सेफटी पर खतरा बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. इस अधिकारी के मुताबिक, नियुक्त किए जाने वाले नए एयर मार्शल उन इंटरनेशनल रूट्स पर फोकस करेंगे, जिन्हें हाल ही में खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर संवेदनशील बताया गया है. इन मार्गों में नए इंटरनेशनल डेस्टिनेशन और कुछ डोमेस्टिक फ्लाइट्स, दोनों शामिल हैं.
कौन होते हैं एयर मार्शल
एयर मार्शल को 'स्काई मार्शल' के रूप में भी जाना जाता है. ये आर्म्ड सिक्योरिटी अफसर होते हैं जो पैसेंजर फ्लाइट्स में गुप्त रूप से यात्रा करते हैं. इन फ्लाइट्स पर उनका काम पैसेंजर्स की सिक्योरिटी होता है. उनका काम प्लेन को हाइजैक होने से बचाना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. भारत में, एयर मार्शल की अवधारणा 1999 में कंधार में एयर इंडिया की फ्लाइट आईसी 814 के हाईजैक के बाद शुरू की गई थी. तब से, विभिन्न इंटरनेशनल रूट्स और संवेदनशील घरेलू फ्लाइट्स को कवर करने के लिए उनकी नियुक्ति की जाने लगी.
NSG कमांडो होते हैं एयर मार्शल
आतंकवाद विरोधी और अपहरण विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की एक विशेष यूनिट को जरूरी रूट्स पर पैसेंजर फ्लाइट्स की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जाता है. स्काई मार्शल आमतौर पर काबुल, अफगानिस्तान; काठमांडू, नेपाल; कोलम्बो, श्रीलंका; कनाडा में कई रूट्स; और कुछ मध्य पूर्वी देश जैसे संवेदनशील डेस्टिनेशन की ओर जाने वाली फ्लाइट्स पर तैनात होते हैं.
खतरे के लेवल के आधार पर, हर एक फ्लाइट में सामान्य तौर पर दो से छह स्काई मार्शल होते हैं. बहुत ही कम चांस है कि फ्लाइट में सामान्य यात्री इन्हें पहचान सकें. क्योंकि भले ही ये अफसर हर तरह के हथियार से लैस होते हैं लेकिन फ्लाइट में सामान्य नागरिकों की तरह ही यात्रा करते हैं. ये अफसर फ्लाइट में किसी भी हाइजैकिंग प्रयास या सिक्योरिटी ब्रीच को रोकने का अधिकार रखते हैं.
लगातार मिल रही बम की धमकियां
पिछले सोमवार और मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिली दस से ज्यादा बम धमकियों के बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई है. सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने स्थिति का आकलन करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिविल एविएशन ब्यूरो, सीआईएसएफ और हवाई अड्डे की सुरक्षा में शामिल अन्य प्रमुख एजेंसियों के अधिकारियों के साथ चर्चा की.