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Anand Mohan Case: कौन हैं बाहुबली नेता आनंद मोहन जिसके बाहर आने से सस्पेंड हो गए पुलिसवाले और जेलर, जानिए क्या है पूरा मामला?

आनंद मोहन फिलहाल गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. जिलाधिकारी की हत्या के मामले में कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

Anand Mohan (right) Anand Mohan (right)
हाइलाइट्स
  • निकले कोर्ट के लिए और घूमते रहे

  • बुक किए गए थे कमरे

बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन पर बड़ी कार्रवाई हुई है. इस मामले में बिहार की नीतीश सरकार ने सहरसा जेल के दो पुलिसकर्मियों (हरिनंदन कुमार और दानी प्रसाद) को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा खबर है कि जेलर मृत्युंजय कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया है. जांच में पाया गया कि आरोपी आनंद मोहन सहरसा जेल से बाहर आराम से घूम रहा था. वह खगड़िया के सर्किट हाउस और आरजेडी ऑफिस भी गया था. इसके बाद से ये सवाल उठने लगे कि कैद में बंद कोई व्यक्ति कैसे आराम से बाहर घूम सकता है? इस मामले में नीतिश सरकार पर भी सवाल उठाए गए.

निकले कोर्ट के लिए और घूमते रहे
बता दें कि मोहन सहरसा जिला जेल में बंद है. उसे जिला अदालत में सुनवाई के लिए पटना लाया गया था. सुनवाई के बाद जेल वापस जाते समय मोहन खगड़िया सरकारी सर्किट हाउस में एक रात रुके. डीएसपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पूर्व सांसद और हत्या के दोषी ने अपने निजी वाहन से सहरसा से पटना और पटना से सहरसा तक यात्रा की. इसने आगे खुलासा किया कि आनंद मोहन 11 अगस्त को दोपहर लगभग 3 बजे पटना में अपने आवास पर गए थे. वह कथित तौर पर एक रात के लिए अपने आवास पर रुके थे.

क्या हुआ था उस दिन?
सूत्रों के अनुसार, गोपालगंज जिला मजिस्ट्रेट जी. कृष्णैया की 1994 की हत्या के मामले में दोषी और सहरसा जिला जेल में बंद बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व सांसद आनंद मोहन को जिला अदालत में सुनवाई के लिए पटना लाया गया था. सुनवाई के बाद जेल वापस जाते समय मोहन खगड़िया सरकारी सर्किट हाउस में एक रात रुके. 12 अगस्त को, सहरसा जेल जाते समय उन्होंने बिहार के समस्तीपुर जिले के मुसरीघरारी में अपने समर्थकों में से एक के घर दो घंटे आराम किया. बाद में उन्होंने 13 अगस्त को खगड़िया जिले में राजद कार्यालय का दौरा किया.

बुक किए गए थे कमरे
इस बीच, जिला मजिस्ट्रेट ने फैसिलिटी सुपरीटेंडेंट सहित जेल अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार खगड़िया सर्किट हाउस के रजिस्टर में बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने 12 अगस्त को कमरा बुक किया था. केयरटेकर ने बताया था कि आनंद मोहन के बेटे चेतन ने तीन कमरे बुक किए. इनमें से एक कमरे में बॉडीगार्ड और दूसरे में दो कार्यकर्ता ठहरे हुए थे.

कौन है आनंद मोहन?
बिहार की राजनीति में हमेशा से ही बाहुबलियों का जोर रहा है. फिर चाहें वो शहाबुद्दीन, सूरजभान हों या फिर अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर अनंत सिंह. ऐसे ही एक बाहुबली नेता और जेडीयू के पूर्व एमपी हैं आनंद मोहन.आनंद मोहन फिलहाल गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. जिलाधिकारी की हत्या के मामले में कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

आनंद मोहन एक जमाने में उत्तरी बिहार के कोसी क्षेत्र के बाहुबली कहलाते थे. राजनीति में उनकी एंट्री 1990 में हुई. उस समय पहली बार वो सहरसा से MLA बने थे. पप्पू यादव से उनकी हिंसक टकराव की घटना ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थी. 1994 में उनकी पत्नी लवली आनंद ने भी वैशाली लोकसभा का उपचुनाव जीता. आनंद मोहन ने जेल से ही समता पार्टी के टिकट पर साल 1996 का लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इसके अलावा वो कई किताब भी लिख चुके हैं. 'पर्वत पुरुष दशरथ' उनकी काफी फेमस किताब है.