
पंजाब कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी गौरव यादव (एडीजीपी) को मुख्यमंत्री भगवंत मान का विशेष प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है. एक सरकारी आदेश के बाद इसकी जानकारी दी गई. इससे पहले आईएस अधिकारी ए. वेणुप्रसाद को मुख्यमंत्री का विशेष प्रमुख सचिव नियु्क्त किया गया था. आमतौर पर स्पेशल प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर किसी आईएएस अधिकारी को नियुक्त किया जाता है लेकिन पंजाब सरकार में यह दूसरा अवसर है जब किसी मुख्यमंत्री ने किसी आईपीएस अधिकारी को अपना विशेष प्रधान सचिव बनाया है.
अच्छा अनुभव होने के कारण मिली जिम्मेदारी
ऐसा माना जा रहा है कि पुलिसिंग में उनके व्यापक अनुभव के कारण मुख्यमंत्री कार्यालय में लाया गया है. उम्मीद है कि गौरव आम आदमी पार्टी सरकार में विशेष रूप से कोर पुलिसिंग पर निर्णय लेने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह दूसरा मौका है जब पंजाब में किसी पुलिस अधिकारी को ऐसी नियुक्ति दी गई है. इससे पहले 2017 में एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को भी ऐसी ही जिम्मेदारी मिली थी. उन्हें उस समय के सीएम रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह का स्पेशल सेक्रेटरी बनाया गया था. ड्रग्स के खिलाफ बनी स्पेशल टास्क फोर्स के वो मुखिया थे.
कौन हैं गौरव यादव?
अरविंद केजरीवाल और गौरव यादव के बीच काफी पुराना नाता है. दोनों ने एक साथ ही 1992 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की थी. गौरव ने आईपीएस की परीक्षा पास की थी, जबकि अरविंद केजरीवाल इंडियन रेवेन्यू सर्विस के लिए चुने गए थे. गौरव लंबे समय से पंजाब पुलिस में काम करते आए हैं. मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जगतार सिंह तारा को पकड़ने के लिए 2014 में चले अभियान को गौरव यादव ने ही लीड किया था. गौरव यादव का पंजाब से पुराना नाता है. वह सूबे के पूर्व डीजीपी पीसी डोगरा के दामाद हैं और राज्य में कई अहम पदों पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह 2016 में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौर में इंटेलिजेंस विंग के मुखिया थे. एक आईजी के तौर पर गौरव यादव ने 2016 में शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान खुफिया विंग के प्रमुख के रूप में भी काम किया था.