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छोटे शहर की लड़की का कमाल, पहली बार हिंदी कहानी को मिली बुकर टॉप 6 में जगह

गीतांजलि श्री की किताब को बुकर प्राइज की शॉर्टलिस्ट में जगह मिली है. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी हिंदी साहित्यकार का कोई साहित्य बुकर शॉर्टलिस्ट में चयनित हुआ है.

गीतांजलि श्री गीतांजलि श्री
हाइलाइट्स
  • पहली बार बुकर प्राइज में पहुंता हिंदी साहित्य

  • 26 मई को लंदन में होगा विजेता का ऐलान

हिंदी हमारी मातृभाषा है, हर हिंदुस्तानी अपनी इस भाषा पर गर्व करता है. कुछ लोग इस हिंदी को एक मुकाम तक पहुंचाने के लिए क्या कुछ नहीं करते. गीतांजलि श्री ने भी हिंदी को कुछ ऐसा ही मुकाम दिलाने की कोशिश की है. गीतांजलि हिन्दी की वरिष्ठ कथाकार हैं. उनकी बहुचर्चित उपन्यास 'रेत समाधि' इंटरनेशनल बुकर प्राइज की लांग लिस्ट से आगे बढ़कर अब शॉर्टलिस्ट में पहुंच गई है. 

पहली बार बुकर प्राइज में पहुंता हिंदी साहित्य
अब ये बुक बुकर प्राइज के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. जहां इसका मुकाबला विश्व की पांच चुनिंदा कृतियों से होगा. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी हिंदी साहित्यकार का कोई साहित्य बुकर शॉर्टलिस्ट में चयनित हुआ है. इस शॉर्ट लिस्ट की घोषणा आज लंदन के बुक फेयर में हुई.

26 मई को लंदन में होगा विजेता का ऐलान
रेत समाधि का अंग्रेजी अनुवाद भी है. इसे अंग्रेजी में 'टॉम्ब ऑफ सैंड' के नाम से जाना जाता है. इसका अंग्रेजी अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है. बुकर प्राइज के ज्यूरी के सदस्यों ने इसे शानदार बताया है. अब ये किताब 50 हजार पाउंड के लिए कॉम्पीटीशन करेगा. अब इसके विजेता का ऐलान 26 मई को लंदन में एक समारोह में किया जाएगा.

मैनपुरी की रहने वाली हैं गीतांजलि
गीतांजलि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने अभी तक तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह लिखे हैं. उसके अलावा उनके कई कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है.  ‘माई’, ‘हमारा शहर उस बरस’, ‘तिरोहित’, ‘खाली जगह’ और ‘रेत समाधि’ जैसे उपन्यासों के साथ ‘अनुगूंज’, ‘वैराग्य’, ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’, ‘यहां हाथी रहते थे’ जैसे कहानी संग्रह उनके मशहूर कृतियों में शामिल हैं. 'टॉम्ब ऑफ रेड' यूके में प्रकाशित होने वाली उनकी पहली किताबों में से एक है.