आईपीएस अधिकारी विवेक सहाय(Vivek Sahay) को पश्चिम बंगाल का अगला डीजीपी (DGP) नियुक्त किया गया है. वह राजीव कुमार का स्थान लेंगे,जिन्हें आज चुनाव आयोग (EC) ने हटा दिया है.आयोग ने बंगाल में आदर्श आचार संहिता लागू होने के लगभग 48 घंटे बाद राज्य के डीजीपी राजीव कुमार को पद से तत्काल हटा दिया.
कौन हैं विवेक सहाय
साल 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सहाय महानिदेशक और कमांडेंट जनरल (होम गार्ड) थे. साल 2021 में चुनाव आयोग ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के तत्कालीन कार्यवाहक सुरक्षा निदेशक सहाय को निलंबित कर दिया था. दरअसल 2021 के चुनावों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री और नंदीग्राम से प्रत्याशी ममता बनर्जी चोटिल हो गई थीं.
वहीं सूत्रों की मानें तो राजीव कुमार को स्थानांतरित करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि उन्हें पहले भी बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सक्रिय चुनाव प्रबंधन-संबंधी ड्यूटी से हटा दिया गया था. चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को, राजीव कुमार को "गैर-चुनाव" से संबंधित कार्य पर तैनात करने के लिए कहा है और अंतरिम व्यवस्था के रूप में उनसे तुरंत जूनियर एक अधिकारी को डीजीपी के रूप में तैनात करने को कहा है.
क्या है राजीव कुमार को हटाने की वजह?
राजीव कुमार को हटाए जाने पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा,"वह (डीजीपी) सत्ताधारी पार्टी (टीएमसी) खासकर सरकार की चापलूसी कर रहे थे,ताकि लोगों को पता चल जाए कि वह सरकार के आदेश बिना काम नहीं करेंगे." हमने कई शिकायतें दर्ज की हैं क्योंकि वह डीजीपी होने के बाद भी लोगों की शिकायतें नहीं सुन रहे थे. यह एक अच्छा निर्णय है और हम इससे खुश हैं."
साथ ही आयोग ने सोमवार को गुजरात,उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड,हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया.साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासनिक विभागों के सचिवों को हटा दिया गया है. इन गृह सचिवों को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्हें संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री के कार्यालयों में दोहरे प्रभार में पाया गया था.
मांगे गए थे तीन नाम
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि राज्य सरकार से आयोग ने तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे थे. ये तीन नाम विवेक सहाय, रणवीर कुमार और संजय मुखर्जी का था.आयोग ने वरिष्ठता के कारण और लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें इस पद के लिए चुना.IPS विवेक सहाय मई में रिटायर होने वाले हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव को शांति से निपटाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी.