बीजेपी ने गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए बिजनेसमैन गोविंद ढोलकिया को उम्मीदवार बनाया है. बेहद गरीबी से निकलकर अमीर बनने वाले हीरा कारोबारी ने इस विकास पर खुशी जताई. ढोलकिया ने खुशी जताते हुए एएनआई से कहा, "एक किसान परिवार से होने के नाते, एक व्यवसायी बनने की दिशा में मेरी यात्रा काफी सुखद रही है... मुझे केवल चार घंटे पहले ही अपने नामांकन के बारे में पता चला. भाजपा नेतृत्व ने मेरे नाम को अंतिम रूप देने से पहले निश्चित रूप से विचार किया होगा."
उन्हें गुजरात में डायमंड किंग के नाम से जाना जाता है. बीजेपी ने गुजरात में खाली हुई राज्यसभा की चार सीटों के लिए गोविंद ढोलकिया को उम्मीदवार बनाया है. गुजरात बीजेपी नेता जशवंतसिंह परमार और मयंक नायक को भी राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकित किया गया है.
कौन हैं गोविंद ढोलकिया?
गोविंद ढोलकिया सूरत स्थित हीरा मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्टिंग कंपनी श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (Ramkrishna Exports Private Limited)के संस्थापक और अध्यक्ष हैं. वह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक कंपनी के संस्थापक हैं और अपने यहां पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं. उन्होंने कंपनी की शुरुआत 1970 में की थी.
गोविंद ढोलकिया का जन्म 7 नवंबर 1947 को गुजरात के ग्राम दुधाला में हुआ था. गोविंद ढोलकिया राम कृष्ण एक्सपोर्ट हीरा कंपनी के मालिक हैं. सूरत को डायमंड कैपिटल बनाने का श्रेय उन्हीं को दिया जाता है. साल 1964 में वो हीरा के व्यापार में आए जहां उन्होंने हीरे की कटाई और पॉलिशिंग से शुरुआत की. कुछ सालों बाद उनके एक दोस्त ने इस बिजनेस में शामिल होने की बात कही जिसके बाद श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट कंपनी का जन्म हुआ. उन्होंने कच्चे हीरे के व्यापारी हीराभाई वाडीवाला के साथ कारोबार शुरू किया. आपको जानकर हैरानी होगी कि बिजनेस करने के लिए उन्होंने 410 रुपये उधार लिए थे. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, कंपनी में 5000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. कंपनी का कुल राजस्व अब 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक है. गोविंद ढोलकिया एक प्रसिद्ध पब्लिक स्पीकर और परोपकारी भी हैं.
दिवाली के समय सुर्खियों में रहा था नाम
उन्होंने अपने परोपकार के लिए 2014 में SRK नॉलेज फाउंडेशन (SRKKF) की स्थापना की. साल 2011 में गोविंद ढोलकिया ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये का दान दिया था. वह गुजरात के अमरेली के मूल निवासी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत हीरा क्षेत्र में एक मजदूर के रूप में की थी. गुजरात के सूरत से ताल्लुक रखने वाले ढोलकिया वर्षों से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. पीएम मोदी से भी उनका दो दशक पुराना नाता है. गोविंद 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन पहल में भी शामिल थे. हर साल दीपावली के मौके पर गोविंद भाई ढोलकिया अपने यहां काम करने वाले हजारों स्टाफ और उनके परिवार को कीमती तोहफा देते हैं.
ये भी पढ़ें: