scorecardresearch

Parliament Security Breach: कौन है ललित झा? जिसने रची संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश

Parliament Security Breach: ललित झा को शांत स्वभाव का व्यक्ति बताया जाता है. कोलकाता में वो बच्चों को ट्यूशन देता था. कुछ साल पहले वो कोलकाता के बड़ाबाजार में अकेले रहने आया और दो साल पहले टीचिंग का काम छोड़ दिया. 

Lalit Jha Lalit Jha
हाइलाइट्स
  • ललित बंगाल के कई NGOs से जुड़ा था

  • आरोपी ललित झा ने किया सरेंडर

संसद की सुरक्षा में सेंध (Parliament Security Breach) लगाने के मास्टरमाइंड ललित झा (Lalit Jha) ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, ललित ने सभी आरोपियों के फोन सहित तकनीक सबूतों को नष्ट कर दिया है. ललित को ही इस घटना का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले पुलिस ने इससे पहले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले के सभी आरोपियों को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. हमले से पहले ललित झा ने सभी के मोबाइल फोन से सारे सबूत मिटाए थे. इसके बाद वह फरार हो गया. 

टीचर की नौकरी करता था ललित

पुलिस ने मुताबिक ललित झा बिहार का रहने वाला है लेकिन कोलकाता में शिक्षक के रूप में कार्यरत था. ललित झा महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह से प्रेरित है. ललित झा ने ही संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों के वीडियो शूट किए और मीडिया कवरेज के लिए वीडियो को एक एनजीओ को दिया था. ललित झा आदिवासियों के लिए काम करने वाले एक NGO से जुड़ा था.

शांत स्वभाव का शख्स बताया जाता है ललित

ललित झा को शांत स्वभाव का व्यक्ति बताया जाता है. कोलकाता में वो बच्चों को ट्यूशन देता था. कुछ साल पहले वो कोलकाता के बड़ाबाजार में अकेले रहने आया और दो साल पहले टीचिंग का काम छोड़ दिया. ललित झा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बघा जतिन, सुभाष चंद्र बोस और राजा राम मोहन राय की तस्वीरें भरी पड़ी हैं.

ऑनलाइन साइट पर हुई थी मुलाकात

ललित ही सोमवार को दिल्ली पहुंचने पर मनोरंजन, सागर, नीलम और अमोल को अपने दोस्त विशाल के घर गुरुग्राम ले गया था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन सभी की एक-दूसरे से मुलाकात ऑनलाइन साइट पर हुई थी. सभी ने मिलकर संसद में हंगामे की योजना बनाई. हालांकि आरोपियों के अभी तक किसी भी संगठन से जुड़े होने की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.

क्या हुआ था संसद में?

घटना के समय सदन की कार्यवाही चल रही थी. शून्यकाल के दौरान पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल स्पीकर की कुर्सी पर बैठे हुए थे. उसी समय अचानक एक शख्स एक बेंच से दूसरी बेंच पर कूद गया. इसके बाद एक और शख्स दर्शक दीर्घा की रेलिंग से उतरता नजर आया. कुछ देर बाद एक शख्स ने अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इसके बाद चारों तरफ अफरा तफरी मच गई. इसके बाद कुछ सांसदों और सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया.