
मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को एनआईए कोर्ट ने 18 दिनों की कस्टडी में भेज दिया है. सबसे पहले नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) तहव्वुर राणा से से पूछताछ करेगी. इस समय एनआईए के चीफ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते हैं. संयोग है कि सदानंद दाते साल 2008 में 26/11 आतंकी हमले के वक्त मुंबई में पोस्टेड थे. उन्होंने आतंकियों से लोहा लिया था.
कौन हैं सदानंद दाते-
एनआईए चीफ सदानंद दाते 1990 बैच के महाराष्ट्र कैडर के सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं. उनकी गिनती देश के बहादुर और कर्तव्यनिष्ठ अफसरों में होती है. दाते एक साधारण फैमिली से आते हैं. उनकी मां दूसरों के घरों में काम करती थीं. जबकि वो खुद अखबार बांटते थे. दांते पुणे के रहने वाले हैं. दाते भयंदर वसई विरार कमिश्नरेट के पहले कमिश्नर रहे हैं. इसके अलावा वो मुंबई में ज्वाइंट कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने क्राइम ब्रांच में भी काम किया है. उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. दाते को मार्च 2024 में एनआईए प्रमुख नियुक्त किया गया.
26/11 हमले के वक्त थी मुंबई में तैनाती-
साल 2008 में जब मुंबई में 26/11 आतंकी हमला हुआ था, उस समय दांते की तैनाती मुंबई में ही थी. उस समय वो सेंट्रल रीजन में एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर तैनात थे. दाते सीएसएमटी पहुंचे थे, जहां हमलावर देखे गए थे. जब उनको पता चला कि आतंकी कामा और एल्बलेस अस्पताल की तरफ गए हैं तो वो अधिकारियों की टीम के साथ वहां पहुंचे.
अस्पताल की छत से आतंकियों ने ग्रेनेड फेंके थे, इस हमले में दाते फंस गए थे. जिसमें वो जख्मी भी हो गए थे. इसके बावजूद दाते आतंकियों से लोहा लेते रहे. आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बनाया था. दाते की बहादुरी की बदौलत कसाब और इस्माइल को बंधकों को छोड़कर भागना पड़ा था. दाते ने ही इस्माइल पर फायरिंग की थी, जिसमें वो जख्मी हो गया था.
दाते के जख्मी होने की खबर सुनकर ही हेमंत करकरे, अशोक कामटे और विजय सालस्कर अस्पताल पहुंचे थे. लेकिन आतंकियों के हमले में कई जांबाज अफसर शहीद हो गए थे.
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