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Pavan Kumar Rai: जिस अफसर को कनाडा की सरकार ने देश छोड़ने को कहा, उनके बारे में जानिए

भारतीय राजनयिक और 1997 बैच के पंजाब कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी पवन कुमार राय को हाल ही में कनाडा सरकार ने निष्कासित कर दिया था.

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए एक टॉप डिप्लमैट को देश छोड़ने को कह दिया. जवाब में भारत ने भी नई दिल्ली में तैनात कनाडा के शीर्ष राजनयिक को देश छोड़ने का फरमान सुन दिया. भारत ने कनाडाई सरकार के इस आरोप को 'बेतुका' बताते हुए इसका जोरदार खंडन किया है. कनाडा की सरकार ने भारत के जिस राजनयिक को देश छोड़ने को कहा है वो हैं पवन कुमार राय. 

पवन कुमार राय ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग में Minister (Eco, Coordination, Community Affairs) के पद पर तैनात हैं. पंजाब कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पवन कुमार राय एक जुलाई 2010 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. दिसम्बर 2018 में उन्हें विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया था. पवन कुमार राय 1997 बैच के आईपीएस अफसर हैं. ये कैबिनेट सचिवालय में डायरेक्टर के पद पर भी काम कर चुके हैं. 

अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से पहले, पंजाब में अपने कार्यकाल के दौरान, पवन कुमार राय ने सीआईडी ​​अमृतसर में पुलिस अधीक्षक का पद संभाला और बाद में जुलाई 2008 में उन्हें जालंधर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में पदोन्नत किया गया.

कनाडा में खालिस्तान आतंकवाद
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख निज्जर की 18 जून को वैंकूवर में एक गुरुद्वारे के नजदीक गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बीते मंगलवार को, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका का आरोप लगाया. नतीजतन, कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने शीर्ष भारतीय राजनयिक पवन राय कुमार को देश छोड़ने को कह दिया.

कनाडा की पुलिस ने निज्जर की हत्या के संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं की है. विदेश में कुछ भारतीयों के अनुसार, भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का निर्णय जस्टिन ट्रूडो पर खालिस्तानी समूहों के दबाव को कम करने के लिए किया गया प्रतीत होता है. भारत में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ बयान जारी करने के बाद खालिस्तानी समूह कथित तौर पर जस्टिन ट्रूडो से नाराज थे.

भारतीय डिप्लोमैट बन रहे निशाना 
निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थक समूह ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं. खालिस्तानी नेताओं ने पोस्टर और बैनर के जरिए भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा, काउंसिल जनरल अपूर्वा श्रीवास्तव समेत कई भारतीय राजनयिकों को खुलेआम धमकी दी थी.

हालांकि, कनाडाई अधिकारियों ने अभी तक खालिस्तानी आतंकियों और मंदिरों में तोड़फोड़ के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. कनाडा स्थित एक भारतीय ने इंडिया टुडे को बताया, 'भारतीय राजनयिक को देश छोड़ने के लिए कहने का कदम कुछ और नहीं बल्कि खालिस्तानी आतंकियों को लुभाने का एक प्रयास है जो जस्टिन ट्रूडो से नाराज थे.'

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी भारत यात्रा के दौरान खालिस्तानी आतंकवाद के बारे में बोलते हुए ट्रूडो ने कहा था, "कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं."

भारत ने आरोपों को खारिज किया
इस बीच, भारत सरकार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कनाडा सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने कनाडा के प्रधानमंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान को देखा है और उसे खारिज करते हैं."